Rashtra Sevika Samiti : बीकानेर के बाद नागौर पहुंची प्रमुख कार्यवाहिका अन्नदानम सीता गायत्री
- राष्ट्र सेविका समिति का विभाग एकत्रीकरण संपन्न
- घोष वादन के साथ-साथ शारीरिक प्रदर्शन
- दंड व नियुद्ध के माध्यम से मातृ शक्ति ने सेल्फ डिफेंस को किया प्रदर्शित
RNE Nagaur.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) इसी वर्ष अपनी स्थापना के 100 साल पूरे करने जा रहा है। लगता है इस वर्ष में संघ एक बार फिर अपनी संगठनात्मक ढांचे को बदली परिस्थितियों के मुताबिक मजबूत करने जा रहा है। इसी कड़ी में नारी शक्ति पर विशेष फोकस है। यही वजह है की पश्चिमी राजस्थान में संघ की महिला इकाई राष्ट्र सेविका समिति के न केवल लगातार एकत्रीकरण हो रहे हैं वरन इसमें देश की सबसे बड़ी पदाधिकारी मानी जाने वाली अखिल भारतीय प्रमुख कार्यवाहिका अन्नदानम सीता गायत्री खुद भागीदारी निभा रही है। इन दिनों राजस्थान प्रवास के दौरान सीता गायत्री की मौजूदगी में जहां बीकानेर में सेविका समिति का बड़ा संगम हुआ वहीं अब नागौर में भी ऐसा ही विभाग स्तरीय एकत्रीकरण किया गया।
जानिए नागौर में, कहां, कैसा एकत्रीकरण :
राष्ट्र सेविका समिति का नागौर विभाग का शाखा एकत्रीकरण शारदा बालिका निकेतन के खेल परिसर में हुआ। नागौर गाइड उप प्रधान अनिता गहलोत के मुख्य आतिथ्य में हुए एकत्रीकरण की अध्यक्षता सेवानिवृत महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुनीता गुप्ता ने की। कार्यक्रम में राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय प्रमुख कार्यवाहिका अन्नदानम सीता गायत्री का बौद्धिक पाथेय प्राप्त हुआ।
महिलाओं-युवतियों ने दिखाया दमखम :
कार्यक्रम में राष्ट्र सेविका समिति द्वारा शारीरिक कार्यक्रम में आसन, घोष के साथ-साथ बिना अस्त्र-शस्त्र के युद्ध नियुद्ध की कला का प्रदर्शन किया गया जिसमें भूमि वंदन सहित अनेक प्रयोग हुए। साथ ही दंड योग व लघु दंड (यष्टि) प्रदर्शन का शारीरिक अभ्यास भी हुआ जिसमें घात, प्रतिघात, प्रहार व प्रतिरोध के प्रयोग बताए गए। शारीरिक कार्यक्रम में घेाषवादन का प्रस्तुतीकरण भी हुआ जिसमें पण्णव, वंशी, झांझ व त्रिभुज आदि भारतीय वाद्यों के द्वारा भारतीय शास्त्रीय रचना किरण, उदय व भूप आदि भी बजाए गए। घोष के साथ ही गलत मत कदम उठाओ, विचार कर चलो, सोच कर चलो गीत पर गण समता का भी प्रत्यक्षीकरण हुआ।
RSS के पंच परिवर्तन पर यह बोली अन्नदानम सीता गायत्री :
इस अवसर पर प्रमुख कार्यवाहिका अन्नदानम सीता गायत्री ने राष्ट्र सेविका समिति व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा अपेक्षित पंच परिवर्तन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुटुंब प्रबोधन अभियान के माध्यम से इतने वर्ष की गुलामी के बाद भी संस्कृति, अध्यात्म व धर्म को बचाने की जिम्मेदारी परिवार पर है। आज के समय में परिवार में बालिकाओं के विवाह के बाद तारतम्य में कमी आने का एक कारण मां द्वारा अपनी संतति को अपेक्षित विचार न देने का भी कारण रहा है जिसमें मोबाइल की नकारात्मक भूमिका भी अधिक है।
पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में उन्होंने कहा कि आज जल, जमीन व जंगल को सुरक्षित करने की अत्यंत आवश्यकता है। वर्तमान में प्रयागराज में चल रहे महा कुंभ को प्रदूषण मुक्त बनाने की दृष्टि से एक थैला व एक थैली अभियान चलाया गया है। पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी हम सब की है। इस दृष्टि से मातृशक्ति को अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए।
आज समाज जीवन में समरसता के श्रेष्ठ भाव को भी व्यावहारिक रूप से अपनाया जाना बहुत अपेक्षित है। नागरिक कर्तव्य में मतदान करने का अभ्यास न होना, लाइसेंस न रखना व स्वच्छता न रखना आदि नकारात्मक विषयों का निवारण करने की दृष्टि से और स्वयं भी ऐसे विषयों के प्रति सावचेती रखने की आवश्यकता महिलाओं को है।
उन्होंने कहा कि संगठित व शक्तिशाली हिंदू संगठन के माध्यम से ही शक्तिशाली व समर्थ राष्ट्र का निर्माण करने का दायित्व नारी शक्ति पर है। शक्ति व समरसता के माध्यम से समाज प्रकाशवान व गतिमान करने का दायित्व हम पर ही है। यह वैभवपूर्ण स्थिति डॉ. हेडगेवार जी के अनुसार हमारे जीवन काल में ही हमें प्राप्त हो ऐसा प्रयास हमें करना चाहिए।
कार्यक्रम में नागौर विभाग कार्यवाहिका मीना श्रीमाली ने आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर राजस्थान क्षेत्र कार्यवाहिका प्रमिला शर्मा, जोधपुर प्रांत कार्यवाहिका श्रीमती सुमन रावलोत, प्रांत प्रचारिका रितु शर्मा, डीडवाना जिला कार्यवाहिका सुमन शेखावत, मेड़ता जिला कार्यवाहिका कांता शर्मा व नागौर जिला कार्यवाहिका श्रीमती इंदुमति चौधरी सहित अनेक मातृशक्ति की उपस्थिति रही। बौद्धिक से पूर्व काव्य गीत केसरी बाना सजाएं, वीर का श्रंगार कर। लें चले हम राष्ट्रनौका, को भंवर से पार कर भी सुमधुर रूप से गया गया।