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Sahitya Akademi : संस्कृति एवं पयर्टन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत करेंगे उद्घाटन, 700 से ज्यादा लेखक और विद्वान लेंगे भाग

  • 700 से ज्यादा लेखक और विद्वान भाग लेंगे 6 दिवसीय समारोह में

RNE, NEW DELHI.

साहित्य अकादेमी द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने वाला साहित्योत्सव-2025 इस वर्ष एशिया का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव होगा। विदित हो कि पिछली बार का साहित्योत्सव 2024 दुनिया का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव था। यह जानकारी अकादेमी द्वारा आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस में अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने साझा की। आगे उन्होंने बताया कि साहित्योत्सव का उद्घाटन 7 मार्च को माननीय संस्कृति एवं पयर्टन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत करेंगे। 7 से 12 मार्च 2025 तक रवींद्र भवन परिसर, 35, फ़ीरोज़शाह मार्ग, नई दिल्ल्ली-110001 में मनाए जा रहे इस साहित्योत्सव में 100 से अधिक सत्रों में 700 से अधिक प्रसिद्ध लेखक और विद्वान भाग ले रहे हैं। इसमें देश की 50 से अधिक भाषाओं का भी प्रतिनिधित्व होगा।

साहित्योत्सव का मुख्य आकर्षण साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2024 अर्पण समारोह होगा, जो 8 मार्च को कमानी सभागार में शाम 5ः00 बजे होगा। इस पुरस्कार-अर्पण समारोह की मुख्य अतिथि प्रख्यात अंग्रेज़ी नाटककार महेश दत्तानी होंगे। प्रतिष्ठित संवत्सर व्याख्यान प्रख्यात अंग्रेज़ी लेखक उपमन्यु चटर्जी द्वारा 9 मार्च को सायं 6.30 बजे मेघदूत मुक्ताकाशी मंच पर होगा। 6 दिवसीय इस साहित्योत्सव में इस बार की राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय है – भारतीय साहित्यिक परंपराएँ: विरासत और विकास। इसके अतिरिक्त प्रख्यात मलयाळम् लेखक ओमचेरी एन.एन. पिल्लै जन्मशतवार्षिकी संगोष्ठी, मोहन राकेश जन्मशतवार्षिकी संगोष्ठी, प्रख्यात गीतकार गोपालदास नीरज के गीतों पर चर्चा, जितेंद्र भाटिया के साथ कथासंधि तथा लेखक से भेंट के अंतर्गत सुबोध सरकार से रूबरू कराया जाएगा।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत राकेश चौरसिया द्वारा बाँसुरी वादन, फ़ौज़िया दास्तानगो द्वारा दास्तान-ए-महाभारत तथा नलिनी जोशी द्वारा हिंदुस्तानी गायन प्रस्तुत किया जाएगा। इस साहित्योत्सव में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा सहित दो राज्यों के माननीय राज्यपाल – श्री आरिफ़ मोहम्मद खान (बिहार) एवं श्री पी.एस. श्रीधरन पिल्लै (गोवा) विशेष रूप से भाग ले रहे हैं।

भारतीय नदियों के नाम पर निर्मित किए गए सभागारों में पूर्वाह्न 10.00 बजे से सायं 6.00 बजे तक विभिन्न कार्यक्रमों में बहुभाषी कहानी-पाठ, पूर्वाेत्तरी, उत्तर-पूर्वी लेखक सम्मिलन, बहुभाषी कविता-पाठ, युवा साहिती और एलजीबीटीक्यू लेखक सम्मिलन के अतिरिक्त भारत में आत्मकथात्मक साहित्य, भारत की साहित्यिक कृतियों में लुप्त होता ग्रामीण समाज, विभाजन पर केंद्रित भारतीय साहित्य, अनुवाद में संस्कृति चित्रण, सिनेमा के लिए फिल्माई गई साहित्यिक कृतियाँ, साहित्य की सार्वभौमिकता, वैश्विक साहित्यिक परिदृश्य में भारतीय साहित्य, स्वातंत्र्योत्तर भारतीय साहित्य में राष्ट्रीयता आदि विषयों पर चर्चा होगी।