
शर्मनाक: मेजर की मंगेतर से थाने में ऐसी अमानवीयता कि जानकर रूह कांप जाए!
- गुंडों से बदतर पुलिस: गुंडों ने मेजर-मंगेतर को घेरा तो वे थाने गये, पुलिस ने जो किया वह हैवानियत से कम नहीं!
- सवाल: पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर देना क्या पर्याप्त न्याय है?
RNE Network.
मेजर और उसकी मंगेतर से थाने में मारपीट के चर्चित मामले में जो सच्चाई सामने आई वह न केवल अंदर तक हिला देने वाली है वरन पुलिस के चेहरे पर बदनुमा दाग भी बन गई है। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मामले में जांच हुई और गिरफ्तार युवती को जमानत मिली तो बाहर आकर वह फूट-फूटकर रोई। जो बताया उसे जानकर रूह कांप गई।
उसकी जांघों पर खड़े हो जाने, मुक्का मारकर दांत तोड़ देने तक की बात तो फिर भी हिम्मत करके लिख सकते हैं। इससे आगे बस, इतना ही लिख सकते हैं कि जो हुआ वह इतना अमानवीय और दर्दनाक है कि ऐसा करने वालों के बारे में महज यही कहा जा सकता है कि ‘पुलिस कहना तो दूर की बात, तुम्हें तो इंसान पुकारना भी ‘इंसान’ शब्द का अपमान है।’
पीड़िता की जुबानी, प्रताड़ना की कहानी:
मैं भुवनेश्वर में रेस्तरां चलाती हूं। बंगाल में तैनात मंगेतर मेजर आया हुआ था और हम दोनों 15 सितंबर की रात रेस्तरा बंद कर घर लौट रहे थे। रास्ते में बदमाशों ने घेर लिया, छेड़खानी की। मेजर ने आपत्ति की तो लड़कों ने उसे पीट दिया। हम दोनों शिकायत करने पुलिस स्टेशन गये। वहां उन्होंने मुझे धमकाया। शिकायत की तो मेजर को किनारे कर दिया। मुझे कमरे में ले गये। उन्होंने मुझे पीटा। एक महिला पुलिसकर्मी ने मेरा गला पकड़कर दबाया तो मैंने बचने के लिए दांत से काटा। इसके बाद इतनी अमानवीय यातनाएं दी गई कि मैं अब तक अपने पांवों पर खड़ी नहीं हो सकती। वे मेरे पांव पर खड़े हो गये। कपड़े खोल दिये, अंडरगारमेंट….। इसके बाद पुरूष पुलिसकर्मी आये। और मेरे सामने पेंट…..। सिर झुकाकर रोते-रोते इस युवती ने पुलिसवालों के मुंह से निकली गंदी बातें और कपड़ों से बाहर आई गंदी हरकतों को बयां किया तो सुनने-पढ़ने वालों का मन पुलिसकर्मियों के प्रति घृणा से भर गया।
पुलिस ने उलटा ये किया:
पुलिस ने इस मामले में अलग ही कहानी गढ़ी। कहा, मेजर और उसकी मंगेतर थाने में आये। गुंडों की शिकायत की। लिखित में एफआईआर मांगी तो गुस्सा हो गये और मेजर की मंगेतर ने पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया। एक पुलिसकर्मी को दांत से काटा। सरकारी काम में बाधा पहुंचाई। इसलिये उसे गिरफ्तार कर लिया।
हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से जांच शुरू, पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड, क्या पर्याप्त न्याय!
इस घटना को सेना ने गंभीरता से लिया और सरकार-पुलिस से संवाद किया। ओडिशा हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से चीफ सेक्रेट्री और डीजीपी ने जांच करवाई। पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है। इसके बावजूद सवाल यह उठता है कि क्या यह पर्याप्त दंड और इंसाफ है? हालांकि मामले में अभी जांच चल रही है। ऐसे में बड़ी और कड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा सकती है।