द्वार पर डंडा लेकर बैठें, कार्यकर्ता समरसता बढ़ाने का काम करे
RNE Network
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि संतों के कार्य में बाधा न आये, इसलिए द्वार पर डंडा लेकर बैठने का काम संघ का है। वे चित्रकूट में स्वयंसेवको व संतों को संबोधित कर रहे थे।
भागवत ने कहा कि दुनिया भारत को दबाने का प्रयास कर रही है, लेकिन सत्य दबता नहीं। समय आने पर सिर चढ़कर बोलता है। उन्होंने कहा कि दुनिया को शस्त्र चाहिए, पर इन्हें धारण करने वाले राम भी चाहिए।
भागवत ने कहा कि महाभारत हमें सिखाती है कि दुनिया कैसी है और रामायण से सीख मिलती है कि यहां रहना कैसे है। उन्होंने संघ कार्यकर्ताओं से कहा कि वे जातिवाद समाप्त कर लोगों में समरसता बढ़ाने के लिए काम करे, ताकि समाज में विघटन न हो पाये। संघ कार्यकर्ता एक दूसरे के सुख दुख में भागीदार बनें और सहयोग करें। वे जहां रह रहे हैं, वहां सामंजस्य बनाने का काम करे।
स्वदेशी अपनाने पर जोर:
संघ प्रमुख ने स्वयंसेवकों से कहा कि वे लोगों को स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग के लिए प्रेरित करें, ताकि स्वावलंबन का भाव पैदा हो। उन्होंने कहा कि परिवारों के बीच विघटन चिंता का विषय है। हमें परिवारों को जोड़ने का काम करना है।