विशेष अतिथि समाजसेवी व भामाशाह महावीर रांका ने स्वयंसेविकाओं को बताया क्यों खास है यह शिविर
RNE Network
राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय बीकानेर में दिनांक 11.01.25 को राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई तृतीय व चतुर्थ के द्वारा सात दिवसीय विशेष शिविर का शुभारंभ किया गया। शिविर का प्रारंभ स्वयंसेविकाओं द्वारा प्रार्थना व एनएसएस गीत गाकर किया गया। तत्पश्चात् छात्राओं ने कार्यक्रम अधिकारी अंजू सांगवा और सुनीता बिश्नोई के साथ मिलकर योगाभ्यास किया। शिविर के प्रथम सत्र में मार्शल आर्ट्स गुरु प्रीतम सेन ने छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए।
शिविर के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी व भामाशाह महावीर रांका पधारे जिन्होंने महाविद्यालय प्राचार्य प्रो . अभिलाषा आल्हा व वरिष्ठ संकाय सदस्य प्रो. इंदिरा गोस्वामी व पूर्व पार्षद शंभू गहलोत के साथ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके शिविर की विधिवत् शुरुआत की। सर्वप्रथम महाविद्यालय प्राचार्य प्रो आल्हा ने स्वागत अभिभाषण में सदन को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना कॉलेज के शैक्षणिक कार्य में नोबेल प्रयोगों में से एक है। यह निरंतर सामुदायिक बातचीत व कार्यों के माध्यम से छात्राओं और शिक्षकों के बीच स्वैच्छिक कार्य की भावना पैदा करता है तथा बच्चों में साहसिक गतिविधियों तथा जोखिम लेने की क्षमता को बढ़ावा देता है। यह हमारे शैक्षणिक व सामाजिक जीवन की पाठशाला है। जिसमें बच्चे नेतृत्व गुण,भाईचारा,टीम भावना को सीखकर नई व्यावसायिक संभावनाओं का बेहतरीन प्रदर्शन कर पाते है।
प्रो. इंदिरा गोस्वामी ने राष्ट्रीय सेवा योजना के गीत ‘उठे समाज के लिए उठे उठे,जगे स्वराष्ट्र के लिए जगे जगे,स्वयं सजे वसुंधरा संवार दे..’
गाकर स्वयंसेवकों को एनएसएस के मूलमंत्र ‘मानवसेवा’ का सार बताया उन्होंने कहा कि यह विशेष शिविर आपके व्यक्तित्व निर्माण में एक अहम भूमिका निभाएगा,जिसमें आप इस मंच के माध्यम से अपनी सृजनशीलता को पहचान कर कौशल विकास,श्रमदान व अपने आंतरिक गुणों को निखार सकते हैं और जीवन में उनके अनुसरण से सफल हो सकते हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना की सलाहकार समिति प्रभारी प्रोफेसर मंजू मीणा ने राष्ट्रीय सेवा योजना के आदर्श वाक्य ‘स्वयं से पहले आप’ का महत्व बताते हुए एनएसएस के प्राथमिक उद्देश्य ‘चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व विकास’ के पहलुओं पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि महावीर रांका ने अपने उद्बोधन में कहा कि एनएसएस ने बहुत से अच्छे कार्य किए हैं और इसमें और भी अधिक अच्छे कार्य करने की क्षमता है। एनएसएस स्वयंसेवी युवा भारतीय हैं और वह समाज के सबसे आदर्श वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के माध्यम से ‘सबका साथ सबका विकास’ के सिद्धांत पर कार्य करते हुए ‘भारत’ को एक ‘श्रेष्ठ राष्ट्र’ की दिशा में शिखर पर ले जाने का महत्वपूर्ण कार्यभार इन युवाओं के कंधों पर है। उन्होंने स्वयंसेविकाओं को बताया की कि “राष्ट्रीय सेवा योजना” का यह विशेष शिविर आपके समग्र चरित्र निर्माण का खजाना है। यहां आप जो सीखेंगे,उसे अपने जीवन व समाज में उतारकर आप महान व्यक्तित्व को प्राप्त कर सकते हैं। युवा पीढ़ी को परोपकार,सच्चरित्रता,स्वच्छता, पर्यावरण व मानव संवेदना जैसे गुणों को अपने जीवन में अंगीकृत करवाना ही एनएसएस का लक्ष्य है। समाजसेवी रांका ने “प्लास्टिक मुक्त भारत के संकल्प की परिकल्पना” को साकार करने में अपना योगदान देते हुए महाविद्यालय में 50 कांच की बोतले भेंट की व महाविद्यालय के विकास के लिए सदैव योगदान देने में तत्पर रहने का आश्वासन दिया। रांका जी ने प्राचार्य आल्हा,प्रो इंदिरा गोस्वामी के साथ मिलकर सुदर्शन वाटिका में पौधारोपण किया व सुदर्शना जी की प्रतिमा को माल्यार्पण कर सम्मान व्यक्त किया। इनके साथ प्रो मंजू मीणा,डॉ. धनवंती विश्नोई,श्रवण कुमार रायका,सुशील कुमार पंचारिया उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई तृतीय की कार्यक्रम अधिकारी डॉ अंजू सांगवा ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई चतुर्थ की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सुनीता बिश्नोई ने किया। कार्यक्रम में डॉ सुमन बिश्नोई, डॉ स्नेह लता चौधरी, तनुजा, विक्रम चौधरी व परमेश्वरी उपस्थित रहे। शिविर को आगे बढ़ाते हुए स्वयंसेविकाओं ने भोजन किया जिसमे उन्होंने भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने में अपना योगदान देते हुए “डिस्पोजल बर्तनों” का बहिष्कार करते हुए स्वयं द्वारा लाए गए स्टील के बर्तनों में खाना खाया। अंतिम सत्र में कार्यक्रम अधिकारियों द्वारा माय भारत पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को समझाया गया तथा गायन व नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें छात्राओं ने अपनी रंगारंग प्रस्तुतियां दी।