14 साल की दुष्कर्म पीडिता को 28 हफ्ते का गर्भ गिराने की मिली इजाजत
आरएनई,नेशनल ब्यूरो।
आज सुप्रीम कोर्ट ने रेप के बाद प्रेग्नेंट हुई नाबालिग पीड़िता को गर्भ गिराने की इजाजत देते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। जानकारी के अनुसार कोर्ट ने 14 साल की रेप पीड़िता को राहत देते हुए उसे 28 हफ्ते का गर्भ गिराने की इजाजत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गर्भ का चिकित्सीय समापन कराने की अनुमति रेप का मामला देखते हुए दी गई है।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी. पारदीवाला की पीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए मुंबई के लोकमान्य तिलक अस्पताल के डीन को पीड़िता के गर्भपात के लिए चिकित्सकों की टीम गठित करने का निर्देश दिया।
अर्जेंट सुनवाई के लिए आया मामला
कोर्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच के सामने ये मामला अर्जेंट सुनवाई के लिए आया। अदालत ने सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र के सियान अस्पताल को निर्देश दिया है कि वह 20 अप्रैल को लड़की का मेडिकल एग्जामिनेशन करे और कोर्ट को बताए कि लड़की का अगर गर्भपात कराया जाता है तो शारीरिक और मानसिक तौर पर उस पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
दरअसल, यह अर्जी लड़की की मां की ओर से दाखिल की गई थी। बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने चार अप्रैल को इस मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान राहत देने से मना कर दिया था। याचिका में प्रेग्नेंसी टर्मिनेशन के लिए गुहार लगाई गई है। लड़की के साथ रेप और सेक्सुअल असॉल्ट हुआ था। इस मामले में आरोपी के खिलाफ रेप और पॉक्सो के तहत मुकदमा दर्ज है।