कांग्रेस की राज्य में गठबंधन को लेकर आज होगी तस्वीर साफ, आरएलपी पर भी होगा निर्णय
आरएनई,स्टेट ब्यूरो।
कांग्रेस अभी तक तय नहीं कर पाई है कि राज्य में उसका गठबंधन होगा या नहीं। हालांकि चूरू लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार राहुल कस्वां के साथ माकपा के बलराम पूनिया प्रचार में जुट गये है।
अभी ये तय नहीं हो सका है कि माकपा को कांग्रेस राज्य में कोई सीट छोड़ेगी या नहीं। भारत आदिवासी पार्टी से तो तालमेल की संभावना पूरी तरह समाप्त हो गई है। उसने तो बांसवाड़ा के साथ उदयपुर सीट पर भी अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। आरएलपी को लेकर अब भी असमंजस बना हुआ है। हनुमान बेनीवाल दिल्ली में है और कांग्रेस के संपर्क में है। उनको लेकर आज किसी तरह के निर्णय की संभावना है।
राहुल गांधी कल ही अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा पूरी करके मुंबई से दिल्ली आए हैं। वे ही गठबंधन को लेकर अंतिम निर्णय करेंगे। कांग्रेस ने गठबंधन को लेकर मुकुल वासनिक के संयोजन में जो समिति बनाई थी उसकी रिपोर्ट भी अभी तक नहीं दी गई है। रिपोर्ट आज राहुल गांधी व मल्लिकार्जुन खड़गे को दी जायेगी। इस समिति में राज्य से अशोक गहलोत शामिल है। रिपोर्ट के आधार पर ही गठबंधन का निर्णय होगा।
माना जा रहा है कि गहलोत राज्य में आरएलपी के साथ गठबंधन के पक्ष में है और वे ही उनकी पैरवी कर रहे हैं। जबकि कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा उनसे हाथ मिलाने के खिलाफ है। आरएलपी को झटका देने के लिए ही हरीश चौधरी व हेमाराम चौधरी ने हनुमान के सबसे निकट के उम्मेदाराम को कांग्रेस में शामिल करा दिया है। वे हरीश चौधरी के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़े थे और मात्र 910 वोट से हारे थे। हनुमान शुरू से ही समझौते में उनके लिए बाड़मेर सीट मांग रहे थे। अब तो पासा पूरी तरह पलट गया है। कांग्रेस उनको बाड़मेर से उतारने पर सोच रही है। हनुमान के पास केवल नागौर सीट का विकल्प ही बचा है।
नागौर में भी कांग्रेस के नेता उनके पक्ष में कम बताये जा रहे हैं। कल X पर ‘ नागौर मांगे कांग्रेस ‘ ट्रेंड चलाया गया। सूत्र बताते हैं कि अब हनुमान सचिन के संपर्क में है। वे चाहते हैं कि कांग्रेस से गठबंधन हो जाये और उनको नागौर सीट मिल जाये। उनके लिए भाजपा ने तो पहले ही सारे रास्ते बंद कर दिए हैं।
आज मारवाड़ की राजनीति को लेकर बड़ा निर्णय हो सकता है। उसमें ये तय होगा कि आरएलपी को साथ लिया जाये या नहीं। राहुल क्या निर्णय करते हैं, उस पर सभी की निगाहें है।
— मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘