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राजस्थान की तीन हॉट सीटों पर प्रदेश के तीन क्षत्रपों की प्रतिष्ठा दाव पर, तय होगें कई राजनीतिक निर्णय

आरएनई,स्टेट ब्यूरो। 

राजस्थान की 25 सीटों पर पहले व दूसरे चरण में ही मतदान पूरा हो जायेगा। पहले चरण में 12 व दूसरे चरण में 13 सीटों पर मतदान होगा। भाजपा दो बार से राज्य की सभी 25 सीटें जीत रही है और इस बार भी ये प्रदर्शन दोहराकर वो हैट्रिक बनाना चाहती है, जिसके लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। वहीं कांग्रेस इस बार हर हाल में भाजपा की हैट्रिक को रोकना चाहती है। जिसके लिए उसने इस बार माकपा व रालोपा के साथ गठबंधन भी किया है। माकपा के लिए सीकर सीट व रालोपा के लिए नागौर की सीट कांग्रेस ने छोड़ी है। कांग्रेस तो बांसवाड़ा सीट भी भारत आदिवासी पार्टी को छोड़कर उसका समर्थन चाहती थी, मगर अब तक तो बात नहीं बनी। अब भी नामांकन उठाने की तारीख तक वो इसके प्रयास करेगी, कर रही है।

यूं तो राज्य की 11 सीटों को हॉट सीट माना जा रहा है मगर 3 सीट इस नजरिये से हॉट है कि उन पर पूरे राज्य की नजरें टिकी हुई है। सब इन सीटों का हाल जानने को उत्सुक है। क्योंकि इन सीटों पर राज्य के 3 बड़े नेताओं का राजनीतिक भविष्य निर्भर है। इन सीटों के परिणाम राज्य की भावी राजनीति को तय करेंगे।
इनमें पहली सीट है जालौर सिरोही की। जिस पर कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को उतारा है। वैभव पिछला चुनाव जोधपुर से लड़े थे और उनको केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने हराया था। इस बार गहलोत व उनके कुछ साथी नेताओं ने खुद को पूरी तरह से जालौर सीट पर झोंक रखा है। भाजपा भी पूरे दमखम से लगी है और पिछली बार की तरह इस बार भी सीट जीतना चाहती है। इस सीट का चुनाव परिणाम गहलोत के लिए कांग्रेस की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है।

राज्य की दूसरी हॉट सीट है झालावाड़ की। इस सीट पर भाजपा की दिग्गज नेता व पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा में इन दिनों वसुंधरा का वर्चस्व पहले जैसा नहीं है। इस बार उनको सीएम भी नहीं बनाया गया। उनका राजनीतिक भविष्य भी इस सीट के परिणाम से जुड़ा है। इस वजह से इस बार के चुनाव में वे दूसरी किसी भी सीट पर अब तक तो प्रचार में नहीं दिखी है। पूरा ध्यान उनका झालावाड़ की सीट पर लगा है और ये सीट इसी कारण हॉट सीट समझी जा रही है।

तीसरी सीट है टोंक की। यहां कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने अपनी जिम्मेवारी पर हरीश मीणा को कांग्रेस से उतारा है। इसी लोकसभा क्षेत्र में उनका विधानसभा क्षेत्र भी आता है। चुनाव खुद सचिन ने न लड़कर मीणा को उतारा है। इस सीट का परिणाम भी कांग्रेस में उनके आगे के रास्ते को स्पष्ट करेगा। इसलिए पायलट ने पूरी ताकत इस सीट पर लगा रखी है। इसके परिणाम पर भी पूरे राज्य की नजर है।

राज्य की ये तीन सीटें इस कारण से हॉट है और हरेक इनकी स्थिति को जानने के लिए उत्सुक है। जनता ही इन दलों के नेता भी परिणाम को लेकर कौतूहल में है। इनके परिणाम से राज्य की दोनों दलों की राजनीति का भावी चेहरा तय होगा।

— मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘