Skip to main content

राजस्थानी फिल्मों को सिनेमा घरों में दिखाना अनिवार्य करना चाहिए : तनुज व्यास

RNE, Bikaner.

मरुधरा थिएटर सोसायटी की ओर से बीकानेर के रंगकर्मियों ने हिंदी और राजस्थानी सिनेमा के जाने माने निर्देशक तनुज व्यास के साथ वर्तमान राजस्थानी सिनेमा पर चर्चा की ।

जिसमे तनुज व्यास जो की पिछले कुछ समय से राजस्थानी फिल्मों का निर्माण कर रहे इनके द्वारा हाल ही में निर्देशित फिल्म नमक और डीजे मारवाड़ जो कि राजस्थानी स्टेज ऐप पर रिलीज हुई है इन्होंने हिंदी में भी शॉर्ट फिल्मों का निर्माण किया है ।

तनुज व्यास पिछले चार-पाच दिनो से बीकानेर आये हुए है।बीकानेर के रंगकर्मियों के साथ परिचर्चा में तनुज व्यास ने बतलाया कि राजस्थानी सिनेमा में अभी भी नए विषयों पर कार्य नहीं किया जा रहा है और राजस्थानी सिनेमा में आधुनिक तकनीक का प्रयोग नहीं हो पा रहा है ।राजस्थानी सिनेमा निर्माण में अन्य राज्य की सरकारों की तुलना में राजस्थान सरकार का उदासीन रवैया है ।

राजस्थानी फिल्मों को भी सिनेमा घरों में दिखाना अनिवार्य करना चाहिए जिससे राजस्थान के कलाकारों को संबल मिले जैसा कि अन्य कुछ राज्यों में यह नियम सख्ती से लागू किया हुआ है । बीकानेर के वरिष्ठ रंगकर्मी प्रदीप भटनागर , मालू सिंह राठौड़,रमेश शर्मा और युवा रंगकर्मियों द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया ।

तनुज व्यास परिचय 

यह पाली जिले के निवासी हैं जोकि वर्तमान में मुंबई में निवास कर फिल्म लेखन, निर्माण व निर्देशन का कार्य कर रहे हैं ।