
ऐसा पहली बार: आचार्य चौक की रम्मत में राजनीतिक हुड़दंग, शहरभर में हो रही आलोचना
RNE Bikaner.
‘बीकानेर और होली’ इन दो शब्दों के मिलते ही जेहन में तस्वीर उभरती है शुद्ध मस्ती की। हालांकि इसमें राजनीतिक कटाक्षों के लिए ख्यालों-नौटंकियों में जगह होती है लेकिन उसका मकसद पूरी तरह हास्य रहता है। इस बीच बीती रात यहां की प्रसिद्ध अमरसिंह राठौड़ रम्मत की शुरुआत के मौके पर कुछ ऐसा हुआ कि लोग हैरान रह गये।
दरअसल रात को रम्मत का आगाज ‘माताजी’ के आगमन से होता है। आचार्य चौक की परंपरा के मुताबिक माताजी के आगमन के वक्त मंच पर चौक, समाज के मौजीज लोग, रम्मत के कलाकार आदि मौजूद रहते हैं। भारी भीड़ चारों ओर होती है जो माताजी के दर्शनलाभ लेती है।
बीती रात माताजी आगमन के मौके यानी ‘राय भवानी..’ के आगमन अवसर पर भी कुछ ऐसा ही हो रहा था। भारी भीड़ की मौजूदगी मंे मंच पर बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानंद व्यास, कर्मचारी-विप्र नेता भंवरपुरोहित, कांग्रेस के महासचिव आनंद जोशी, भाजपा पार्षद किशोर आचार्य आदि सामाजिक तौर पर मौजूद थे।ऐसे में मंच पर विधायक व्यास की मौजूदगी देख भीड़ में खड़े कल्ला समर्थकों की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता जोर मारने लगी। जहां माताजी के भजन गूंजते हैं वहां ‘फेर आयग्यो बी.डी.कल्लो..’ गूंजने लगा और इसके साथ कल्ला समर्थक रम्मत के मैदान में झूमने लगे।
हालात बिगड़ते देख समय रहते चौकवासियों ने स्थिति को नियंत्रित किया और रम्मत के अखाड़े को राजनीति का अखाड़ा बनने से रोका। हालांकि अब इस पर सोशल मीडिया से लेकर चौक के पाटों तक चर्चा की जंग छिड़ गई है। एक ओर जहां रम्मत के मैदान में कल्ला के नारे लगाने की आलोचना हो रही है वहीं दूसरी ओर इस बात पर भी आपत्ति जताई जा रही है कि रम्मत में माताजी के आगमन को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई थी। आमतौर पर कभी भी माताजी आगमन के मंच पर कोई विधायक, मंत्री नहीं रहता। ऐसे में इस मौके पर मंच पर जेठानंद की मौजूदगी से लोग भड़के।