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एक फौजी जिसे 11 गोलियां लगी, कोमा में रहा, अब बीकानेर में ड्राइविंग सिखा रहा!

अभिषेक पुरोहित

  • मिलिये जांबाज फौजी से : शरीर में 11 गोलियां, 08 ऑपरेशन, साढ़े तीन साल हॉस्पिटल, अब चला रहे ड्राइविंग स्कूल
  • सेवानिवृत्त सूबेदार कुलदीप गौतम ने युद्ध के अपने अनुभव सुनाये

RNE Bikaner

करगिल युद्ध में टाइगर हिल के लिए जंग में 11 गोलियां खाने वाले सूबेदार कुलदीप गौतम ने सुनाई उस युद्ध की दास्तां।

‘दुश्मन ऊपर टाइगर हिल पर कब्जा किये बैठा था और ऊपर से गोलियां दाग रहा था। गोलियों की बौछार कितनी तेज थी इसका अंदाज आप मेरे शरीर के इन निशानों से लगा सकते हैं’ कहते हुए गोल-मटोल चेहरे, घनी मूंछों के साथ गठे बदन वाले उस शख्स ने अपनी टी-शर्ट पेट के ऊपर तक उठा दी। पेट, पीठ, कंधा लगभग हर जगह गोली का निशान था। देखने पर ही लगा कि शरीर छलनी हो गया था। इसके बावजूद कैप उतारे बगैर मुसकुराते हुए कहा, एक गोली सिर में भी लगी थी।

गोलियों के ये निशान बता रहे हैं कि सूबेदार कुलदीप गौतम का बदन छलनी हो गया था।

भारतीय सेना के सेवानिवृत्त सूबेदार कुलदीप गौतम जब युद्ध के अपने अनुभव सुना रहे थे तो यह जानने, सुनने वालों के आश्चर्य और रोमांच की कोई सीमा नहीं थी। दूसरी ओर वे यूं मुसकुराते हुए अपने अनुभव बता रहे थे मानो छोटी-मोटी लड़ाई का जिक्र कर रहे हो।

यह जानकर हैरानी से आंखें फटी रह जाती है कि यह आदमी न केवल जिंदा खड़ा है वरन पूरी तरह फिट है और सेना से रिटायर होने के बाद अब ड्राइविंग स्कूल चला रहा है।

शायद मौत को मात देना इसे ही कहते हैं:

करगिल युद्ध के भागीदार सुबेदार कुलदीप गौतम की कहानी जहां जांबाजी से भरी है वहीं मौत को मात देने वाली भी है। खुद गौतम बताते हैं, इतनी गोलियां लगने के बाद साथी मिलिट्री हॉस्पिटल ले गये। आठ ऑपरेशन हुए। कोमा में चला गया। डॉक्टर्स की मेहनत से कोमा से निकला। साढ़े तीन साल हॉस्पिटल मंे रहा। फिर व्हील चेयर सहारा बनी।

अब भी आराम नहीं कर रहे:

इससे भी हैरानी की बात यह है कि यह सब हो जाने के बाद भी वे आराम से नहीं बैठे हैं वरन शारीरिक कष्ट झेलने के बाद भी बीकानेर में एक ड्राइविंग स्कूल चला रहे हैं। यहां वे बच्चों केा ड्राइविंग सिखाने के साथ ही उनमें राष्ट्रप्रेम और अनुशासन की भावना भी भरते हैं। कहते हैं, मुझसे ड्राइविंग सीखने वाले फौजी की तरह ही बनते हैं। अब तक लगभग 12.00 को ड्राइविंग सिखाने का दावा कुलदीप गौतम करते हैं।

करगिल विजय दिवस पर हुआ सम्मान:

शुक्रवार 26 जुलाई 2024 को करगिल विजय दिवस पर आयोजित समारोह में सेवानिवृत्त सूबेदार कुलदीप गौतम का सम्मान हुआ। उनके सम्मान में देर तक तालियां बजती रही। जिला सैनिक कल्याण कार्यालय के द्वारा जिला प्रशासन, एनसीसी की 7-राज बटालियन, पूर्वसैनिक कल्याण सहकारी समिति एवं पूर्व सैनिकों के सहयोग से शुक्रवार को पब्लिक पार्क स्थित शहीद स्मारक पर कारगिल विजय दिवस रजत जयंती समारोह का आयोजन किया गया।

करगिल युद्ध के जांबाजों के सम्मान में खड़े हुए खास और आम सभी।

समारोह की मुख्य अतिथि जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि थी। इस दौरान पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) उम्मेद सिंह रतनू, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश गुप्ता, एनसीसी बीकानेर 7-राज बटालियन कमांडिंग आफिसर कर्नल जॉनी थॉमस सहित राजकीय अधिकारियों, वेटरन ऑफिसर, पूर्व सैनिकों तथा एनसीसी कैडेट्स की भागीदारी रही।