KathaRang : रचनाकार अपने क्षेत्र के लोक-जीवन से जुड़ी रचनाएं 5 जून तक भेज सकते है
RNE Bikaner.
देश की सबसे बड़ी और चर्चित साहित्य वार्षिकी ‘कथारंग’ के आगामी अंक के लिए देश के रचनाकारों से उत्कृष्ट रचनाएं आमंत्रित की जा रही हैं। इस बार ‘कथारंग’ लोक साहित्य, कला व संस्कृति को समर्पित रहेगा। इस हेतु देशभर के रचनाकारों से अपने क्षेत्र के लोक-जीवन से जुड़ी सामग्री भेजने का आग्रह किया गया है।
कथारंग के सम्पादक पत्रकार-साहित्यकार हरीश बी. शर्मा ने कहा कि हमारे देश का लोक-साहित्य काफी समृद्ध है, हमारे जीवन-मूल्य लोक में ही निहित हैं। देश के विभिन्न अंचलों में फैली लोक-गाथाएं, लोक-कथाएं, लोक-नाटक, लोक-गीत, लोक-संगीत, लोक-कलाएं हमारी साहित्यिक-सांस्कृतिक विरासत को परिभाषित करने के लिए पर्याप्त हैं।
हमारी परंपराओं और मान्यताओं का लोक पर गहरा प्रभाव है। इस बात से किसे अहसमति हो सकती है कि हम जिसे हमारी सांस्कृतिक-एकता बताते हैं, वह वस्तुत: लोक में ही निहित है। इसी भाव के साथ यह वार्षिकी प्रकाशित की जा रही है, जिसमें वर्ष 2023-24 का देशभर में हुआ उत्कृष्ट सृजन भी रहेगा।
समन्वयक आशीष पुरोहित ने बताया कि अब तक साहित्य वार्षिकी कथारंग के छह अंक प्रकाशित हो चुके हैं। यह वार्षिकी देश की सबसे बड़ी साहित्य वार्षिकी मानी गई है। रचनाकारों से आग्रह किया गया है कि पांच जून 2024 तक अपनी रचनाएं निर्धारित मेल (kathaarang@gmail.com) पर वर्ड फारमेट में प्रेषित करें।