कम्युनिकेशन : वोटिंग से पहले दिन अर्जुनराम ने 1000 से ज्यादा पदाधिकारियों-प्रतिनिधियों से बात की, बूथ एजेंटों तक से जाकर मिले
- सारे पार्षद-प्रत्याशियों, पदाधिकारियों, पंचायत प्रतिनिधियों तक से अर्जुनराम ने कहा-मतदान करवाओ
RNE, BIKANER .
पता नहीं यह क्यों कहा गया लेकिन बीकानेर में चुनाव से पहली रात को ‘कत्ल की रात’ कहकर संबोधित किया जाता है और माना जाता है कि इस 24 घंटे में कई बार स्थितियां बदल जाती हैं। ऐसे में प्रत्याशी और पार्टियां जहां अपना आधार बचाने में सतर्क रहती है वहीं जाते हुए एक-एक क्षण का उपयोग व्यक्तिगत संपर्क को वोट में तब्दील करने में करती है। मतलब यह कि चुनावी प्रबंधन के लिहाज से ये आखिरी 24 घंटे पूरी रणनीति में सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
ऐसे में ‘Rudra News Express’ ने जानना चाहा कि इन आखिरी 24 घंटों में प्रत्याशी कर क्या रहे हैं? इसी की टोह लेने भाजपा के वॉर रूम में झांका तो चुनाव प्रबंधन काफी हैरान करने वाला लगा। यहां खुद प्रत्याशी अर्जुनराम मौजूद थे। उनके पास सूचियां थीे, मसलन बीकानेर के सभी 80 वार्डों में भाजपा के पार्षद ही नहीं वरन भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े सभी प्रत्याशियों की लिस्ट।
किसी भी विधानसभा क्षेत्र में पंचायत प्रतिनिधियों की, मंडल पदाधिकारियों की सूची। यहां तक कि बूथ एजेंट्स तक की लिस्टें थी। तकनीक का इतना बेहतर उपयोग की एक-एक ग्रुप से एक साथ बात। नपे-तुले संवाद। मसलन, हाल-चाल जाना। राजनीतिक स्थितियों की जानकारी ली। नसीहत दी-अधिकाधिक मतदान करवाएं। कोई परेशानी हो तो बताएं।
अनुमान लगाया जा सकता है कि कुछ घंटों में एक हजार से ज्यादा पदाधिकारियों, प्रतिनिधियों से बात हो गई। गांव से शहर तक सभी को व्यक्तिगत तौर पर सूचित कर दिया गया। बारी जब बूथ कार्यकर्ता से बात करने की आई तो उनसे भी यह पता लगाया गया कि जरूरत की सभी सामग्री, दस्तावेज है या नहीं। बात यहीं तक नहीं रही वरन दोपहर बाद विश्वस्त नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ आस-पास के कुछ गांवों की ओर चल पड़े। बूथ के कार्यकर्ता के घर जाकर रामा-सामा किया। पर्चियां, कार्ड आदि की जानकारी ली।
बताया जाता है कि अर्जुनराम ने यह सारी प्रक्रिया अब तक के इंतजाम की क्रॉस चैकिंग के लिए भी की। इसके साथ ही उनके परिजन, पार्टी के प्रमुख नेता, पदाधिकारी भी कुछ इसी तरह व्यक्तिगत संपर्क करने और बूथ मैनेजमेंट को क्रॉस चैक करने में जुटे रहे।