साहित्यकार आचार्य, रंगकर्मी हर्ष ने लांच किये गीतकार नगेन्द्र किराड़ू के दो गीत
आरएनई, बीकानेर।
आखातीज पर एक ओर जहां बीकानेर का आकाश पतंगों से अटा वहीं दूसरी ओर हर छत पर बीकानेरी आखातीज और पतंगों के उत्सव से जुड़े गीत गूंज रहे हैं। डीजे पर गूंज रहे इन गीतों की कड़ी में ही साहित्यकार-चित्रकार नगेन्द्र नारायण किराड़ू के भी दो नए गीत लांच किये गए हैं। पत्रकार-साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ और रंगकर्मी रामसहाय हर्ष ने किराड़ू के गीत जारी किये। खास बात यह है कि इन गीतों को किराड़ू ने लिखने के साथ ही गाया भी है।
कैसे गीत, क्या थीम :
दरअसल किराड़ू ने आखातीज के मौके पर दो गीत लांच किये हैं। इनमें से एक गीत ‘किन्नौ लूट ले भायला…’ पूरी तरह बीकानेरी पतंगोत्सव और शहर की संस्कृति, अलमस्ती पर केन्द्रित हैं।
दूसरा गीत ‘काळी-काळी बादळी में चमकै धोळी बीज रे..’ भी बीकानेर के मरू सौंदर्य से लेकर संस्कृति पर केन्द्रित हैं। गीतों को लांच करते हुए पत्रकार-साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने कहा, यह अच्छी बात है कि कलमकारों ने अपने शहर के सौंदर्य, संस्कृति, अपणायत पर न केवल कलम चलाई है वरन भावों को आमजन तक पहुंचाने के लिये संगीतबद्ध भी किया है।
गीतकार-गायक किराड़ू ने बताया कि इन इन गीतों को संगीत यशु भादानी ने दिया है। निर्देशन रामसहाय हर्ष का है। इस मौके पर हर्ष ने कहा, बीकानेर शहर पर हालांकि खूब लिखा जा चुका है लेकिन अब भी बहुत कुछ छूटा हुआ है। ऐसे प्रयासों से शहर के अनछुए पहलू सामने आते हैं तो यह बड़ी सफलता होगी।
मित्रायु कैफे में हुए इस लोकार्पण में समारोह में धीरेन्द्र आचार्य, पत्रकार मनोज आचार्य, मोहित पार्थ किराडू आदि साक्षी रहे। सादे लोकार्पण समारोह में नन्हीं बालिका गार्गी ने गीतों की धुन पर खास अंदाज में ठुमके लगाकर मन मोहा।