
झालावाड़ के गांवों में पेयजल संकट पर भड़की वसुंधरा राजे, अफसरों पर सोये होने का आरोप राजे ने लगाया, गुस्सा जताया
अभिषेक आचार्य
RNE Special.
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कल एक्स हुए दो ट्वीट ने राज्य की राजनीति को गर्मा दिया है और राज्य सरकार कोई ठोस जवाब भी नहीं दे पाई है। आखिरकार मोदी सरकार के केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल को बोलना पड़ा है। इससे लगता है कि राजे के इन 2 ट्वीट से पूरी भाजपा की राजनीति को हिला दिया है।राजे काफी दिनों से राजनीतिक रूप से चुप है। उनको राज्य की राजनीति में हाशिये पर करने के प्रयास अनेक नेताओं ने किए। इस बार उनको न तो सीएम बनाया गया और न ही कोई बड़ी अन्य जिम्मेवारी दी गई। वे भी चुप रही। उनके समर्थक सांसद, विधायक भी मौन साधे हुए हैं। कुछ प्रतिक्रिया भी नहीं दे रहे। विधानसभा में राजे समर्थक वरिष्ठ विधायक चुप रहते हैं और अनेक बार भाजपा का फ्लोर मैनेजमेंट भी बिगड़ जाता है। इस बार बजट सत्र में विपक्ष से कड़ी तकरार हुई मगर राजे तो एक दिन भी विधानसभा में नहीं आई। अलबत्ता, वे राज्य में अलग अलग जगह दौरे कर सक्रिय जरूर है। अब उनके ट्वीट ने राजनीति को लू के मौसम में गर्माहट दे दी है।
ये है राजे के ट्वीट का सिलसिला:
पूर्व सीएम राजे ने पहला ट्वीट अपने झालावाड़ के रायपुर कस्बे की पानी की समस्या को लेकर किया। इस ट्वीट में उन्होंने तल्ख लहजे में लिखा कि क्या जनता को प्यास नहीं लगती ? सिर्फ आप अफसरों को लगती है। गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त है। अफसर तृप्त है। पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचे। अफसर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं। राजे ने चेतावनी के शब्दों में कहा, मैं ऐसा नहीं होने दूंगी।
ये ट्वीट ब्यूरोक्रेसी को हिला देने वाला था। राजे का गुस्सा इस ट्वीट में साफ झलक रहा था और तेवर भी राजनीतिक रूप से तीखे थे।
राजे यही नहीं रुकी। उन्होंने इसके बाद एक ट्वीट और किया। इस ट्वीट में भी उनके निशाने पर अफसर ही थे। राजे ने लिखा पीएम ने 42 हजार करोड़ जल जीवन मिशन में दिए। पाई पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया। राजे ने ट्वीट में फिर चेतावनी देते हुए कहा कि लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए। झालावाड़ में ऐसा नहीं चलेगा।
हिल गया जल शक्ति मंत्रालय:राजे के इन दो ट्वीट से केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय पूरी तरह हिल गया। जवाब खुद जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल को देने के लिए सामने आना पड़ा। पाटिल ने एक ट्वीट कर लिखा कि झालावाड़ में जल संकट को लेकर वसुंधरा राजे जी द्वारा उठाई गई चिंता को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने गम्भीरता से संज्ञान में लिया है। राजस्थान सरकार से इस संबंध में तात्कालिक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है।
यहीं से गर्माई राजनीति:
राजे ने सीधे सीधे तो जल अफसरों पर हमला किया था मगर एक तरह से अपरोक्ष ये हमला राज्य सरकार पर भी था। इनसे यह ध्वनित होता था कि गर्मी के आरम्भ में जब राज्य सरकार पेयजल उपलब्ध कराने में नाकाम है तो मई जून की भीषण गर्मी में क्या हालात होंगे। राजे के ट्वीट पर राज्य सरकार की चुप्पी भी यही दिखाती है कि उसे कुछ समझ नहीं आ रहा। राजे का ये दमदार हमला है।विपक्ष को भी मिल गया अवसर:
राजे के ट्वीट से विपक्ष को भी सरकार पर हमले का अवसर मिल गया है। कांग्रेस अब राजे के ट्वीट का हवाला देकर पेयजल व विधुत संकट पर सरकार को घेर रही है। विफल साबित कर रही है।
राजे की सक्रियता, बदलेगी राजनीति:
साफ दिख रहा है कि अब राजे चुप नहीं होगी, सक्रिय व मुखर रहेगी। जन मुद्धों पर खुलकर बोलेगी, जो राज्य सरकार पर भारी पड़ेंगे। आने वाले समय में सत्तारूढ़ भाजपा की राजनीति में गर्माहट आएगी, यह तो दिखने लग गया है।