डॉक्टर दिन में बकरा बनकर सड़क पर उतरे, रात को हड़ताल समाप्त
- रेजीडेंट्स का निलंबन रद्द, कल सुबह से पीबीएम हॉस्पिटल में भी काम पर लौटेंगे डॉक्टर
RNE, BIKANER .
जयपुर के कांवटिया हॉस्पिटल में एक महिला को एडमिशन नहीं देने और सड़क पर प्रसव हो जाने के मामले में रेजीडेंट डॉक्टर्स को सस्पेंड करने से उपजा तनाव आखिरकार रविवार रात को शांत हो गया। सरकार ने रेजीडेंट्स की मांगें मान ली। सस्पेंड डॉक्टर्स को बहाल करने की हामी भर ली।
इसके साथ ही डॉक्टर्स ने भी हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की। ऐसे में अब बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में भी सोमवार सुबह से रेजीडेंट डॉक्टर काम पर लौट आएंगे।
बकरे का मुखौटा लगा सड़कों पर घूमे :
इससे पहले रेजीडेंट डॉक्टर्स ने बकरे का मुखौटा लगाकर सड़क पर प्रदर्शन किया। मुखौटा लगाए डॉक्टर्स ने अपनी छाती पर लिख रखा था ‘मैं हूं रेजीडेंट डॉक्टर, मैं हूं बलि का बकरा।’
एकतरफा-भेदभावपूर्ण कार्रवाई : डा.अभिषेक
बीकानेर के एसपी मेडिकल कॉलेज रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन अध्यक्ष डा.अभिषेक यादव का कहना है, कांवटिया हॉस्पिटल में निर्दोष पीजी स्टूडेंट्स के खिलाफ इकतरफा कार्रवाई की गई थी। इससे पीजी स्टूडेंट में निराशा और डर का माहौल बनने लगा था।
पूरे राजस्थान में रेजीडेंट इस बात पर आक्रोशति थे और बीकानेर में भी पहले दिन दो घंटे कार्य बहिष्कार करने के बाद संपूर्ण बहिष्कार कर दिया था। डा.अभिजीत का कहना है, हमारा मकसद मरीजों को परेशान करके दबाव बनाना नहीं है लेकिन जब हालात विपरीत हो गए तो मजबूरीवश हड़ताल का रास्ता अख्तियार करना पड़ता है। इससे पहले एसएमएस हॉस्पिटल में भी दो डॉक्टर्स को एपीओ कर दिया। अब सरकार ने हमारी वाजिब मांगें मान ली हैं। हम सोमवार सुबह से काम पर लौट रहे हैं।
एसीएस ने समझाया, निलंबन के आदेश वापस :
चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह की समझाइश के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल रविवार को सातवें दिन समाप्त हुई। जनहित और रेजिडेंट डॉक्टर्स के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एसीएस ने निलंबन वापसी के निर्देश दिए हैं।