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जानिये : संविधान निर्माता बाबासाहेब ने किस सीट से पहला चुनाव लड़ा और क्या रहा परिणाम

RNE, ARCHIVES .

देश की पहली लोकसभा 1952 में अस्तित्व में आई। उस समय देश के कई दिग्गजों ने चुनावी समर में अपना भाग्य आजमाया। इस चुनाव में कई चौंकाने वाले परिणाम भी देखने को मिले उसमें से एक था बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का चुनाव परिणाम।

आइए जानते हैं कहाँ से लड़ा था बाबा साहेब ने पहला चुनाव :

बाबा साहेब भीमराव रामजी अंबेडकर का कई मसलों में कांग्रेस से मतभेद था इसी के चलते उन्होंने 1951 में विधि और न्याय मंत्री के पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने का फैसला किया । बाबा साहेब ने बॉम्बे उत्तर की सीट से शेड्यूल कास्ट फेडरेशन के टिकट पर लड़ा। गौरतलब है कि शेड्यूल कास्ट फेडरेशन का निर्माण 1942 में किया गया और इस चुनाव में उसे पुनः सक्रिय कर 35 उम्मीदवार चुनाव में उतारे गए थे।

जब अपने पुराने सहयोगी और दूध बेचने वाले ने अंबेडकर को दी शिकस्त :

पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का उत्कर्ष चरम पर था यानी कांग्रेस से जिसको भी टिकट मिला उसकी जीत पक्की मानी जाती थी इसी आंधी में बाबा साहेब अंबेडकर हार। बाबा साहेब को अपने पुराने सहायक और दूध बेचने वाले कांग्रेस के सादोबा नारायण काजरोलकर के हाथों करारी शिकस्त मिली।

काजरोलकर के भावुक नारे और नेहरू के भाषणों ने पासा पलट दिया :

“कुथे तो घटनाकर अंबेडकर आनी कुथे हा लोनिविक्या काजरोलकर” यानी कहां संविधान के महान निर्माता आम्बेडकर और कहां नौसिखिया मक्खन बेचने वाला काजरोलकर के नारे चलाये। यह नारा मशहूर मराठी पत्रकार पी.के. अत्रे के द्वारा गढ़ा गया था। उसी के साथ ही काजरोलकर के समर्थन में नेहरू ने भी कई सभाएं की। इन सब के चलते बाबा साहेब को करीब 14,561 वोटों से अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा। काजरोलकर को इस चुनाव में 1,38,137 तथा आम्बेडकर को 1,23,576 वोट मिले।

प्रस्तुति : अवनीश ‘रिंकू’