Bikaner ki अमरसिंह राठौड़ रम्मत के मुख्य स्तंभ में से एक थे ‘अचूड़सा’
RNE, BIKANER .
कर्मचारी नेता नरेन्द्र आचार्य ‘अचूड़सा’ नहीं रहे। उनका निधन कुछ देर पहले हो गया। शवयात्रा आचार्य जाति के पैतृक श्मशान गृह चौखूंटी जाएगी।
जलदाय विभाग से सेवानिवृत्त आचार्य की कर्मचारी नेताओं में स्पष्ट वक्ता और संघर्षशील नेता के रूप में रही। वे आचार्यों के चौक में हर साल होली के मौके पर होने वाली अमरसिंह राठौड़ रम्मत के मुख्य स्तंभों में से एक थे। रम्मत की रिहर्सल से लेकर मंचन तक वे हर दिन वे प्रबंधन से लेकर प्रदर्शन तक की जिम्मेदरी निभाते रहे।
आचार्य के निधन पर कर्मचारी जगत के साथ ही संस्कृतिकर्मियों ने भी शोक जताया है। वे अपने पीछे दो पुत्रियों, दोहिता-दोहितियों, भाई-भतीजों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। कुछ समय पहले उनकी पत्नी का देहावसान हो गया था।