Skip to main content

भाजपा ने विधानसभावार स्वागत करने वाले जुटाए, फर्राटा भरते निकल गया शाह का काफिला

आरएनई, बीकानेर।

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह मंगलवार दोपहर को बीकानेर पहुंचे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय क़ानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, बीकानेर पूर्व विधायक सिद्धि कुमारीए बीकानेर पच्छिम विधायक जेठानंद व्यास, पूर्व मंत्री श्री राजेंद्र राठौड़, मेयर सुशीला राजपुरोहित संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी, आईजी ओमप्रकाश पासवान, कलेक्टर नम्रता वृष्णि, एसपी तेजस्विनी गौतम ने नाल एयरफोर्स स्टेशन पर अमित शाह का स्वागत किया।


बड़े नेताओं ने स्वागत किया, कार्यकर्ता निराश:

नाल एयरपोर्ट पर भाजपा के बड़े नेताओं ने जहां अमित शाह का स्वागत किया वहीं सड़क किनारे खड़े वे कार्यकर्ता निराश हुए जिन्हें भाजपा ने सुबह से ही केन्द्रीय मंत्री का स्वागत करने जुटाया था। दरअसल भाजपा ने विधानसभावार सड़क पर अमितशाह का स्वागत करने के लिए कार्यकर्ताओं को जुटाया था। इसी कड़ी में नाल एयरपोर्ट से निकलते ही हाईवे पर थाने के पास के खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को स्वागत की जिम्मेदारी दी। यहां सुबह लगभग साढ़े नौ बजे कार्यकर्ता जुट गए। कई देर तक विधायक डा.विश्वनाथ मेघवाल भी उनके साथ रहे बाद में वे एयरपोर्ट चले गए।

दूसरी ओर हाथ में फूलमालाएं, बुके लिये खड़े लोग आगे से निकलते काफिले को देखते रहे। यहां खड़े ओम व्यास बोले ‘हमें कहा गया था कि गृहमंत्रीजी यहां स्वागत के लिए रूकेंगे। आपको कार्यकर्ताओं के साथ आना है। हम गांव से कार्यकर्ताओं के साथ आये लेकिन गृहमंत्री का रूकना तो दूर, किसी गाड़ी में से हाथा हिलाकर भी नहीं निकले।’

यह थी भाजपा की योजना:

दरअसल भाजपा ने अमित शाह की अगवानी में विधानसभावार स्वागत की जिम्मेदारी सौंपी। इसमें नाल एयरपोर्ट से लेकर पार्क पैराडाइन के बीच हाईवे पर खाजूवाला, कोलायत, लूणकरणसर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जगह खड़ा किया गया। बीकानेर पश्चिम, बीकानेर पूर्व, श्रीडूंगरगढ और नोखा के कार्यकर्ताओं को बीकानेर शहर में पार्क पैराडाइज के पास थोड़ी-थोड़ी दूरी पर खड़े रखा।

ठहरने का कार्यक्रम नहीं था, लोकप्रियता दिखानी थी:

भाजपा के एक नेता ने कहा, दरअसल गृहमंत्री का किसी भी स्थान पर ठहरने का कार्यक्रम नहीं था। उनके सामने लोकप्रियता दिखानी थी इसलिए लोकसभा क्षेत्र के नेताओं ने कार्यकर्ताओं को अंधेरे में रखकर सड़क किनारे खड़ा किया। वे घंटों तक धूप में खड़े रहे और महज आगे से निकलती गाड़ियों को देखा।