Kolayat : एमएलए अंशुमानसिंह, कलेक्टर नम्रता, एसपी तेजस्वनी मौके पर
- कोलायत: 172 मिमी बारिश, घर बह गये, सड़क नदारद
- राजस्थान: कोलायत, हिंडौली, मांगलियावास, टाटगढ़ सहित 16 स्थानों पर भारी बारिश
- कोलायत में अब तक 710 मिमी मानसूनी बारिश
राहुल हर्ष
RNE Kolayat.
कोलायत की लोहिया रोड। काली, डामर की नई सड़क जिसे देखकर लगता है कुछ ही समय पहले बनी है लेकिन इस पर कुछ ही दूरी तक चल सकते हैं। आगे सड़क गायब हो गई। इसके जगह बारिश से हुए कटाव के निशान है। कुछ जगह टूटी सड़क की पपड़ियां गवाही दे रही है कि बहाव कितना तेज रहा होगा। सड़क के दोनों ओर दूर तक पानी भरा है। इन खेतों में अब इस सीजन में किसी तरह की फसल होने का अनुमान ही नहीं लगा सकते। मतलब यह कि बारिश से बनी अच्छी फसल की उम्मीद इस बाढ़ में डूब गई।
इसी सड़क पर पड़ा मलबा और उससे कुछ दूरी पर खंडहर हो चुके एक घर को देखकर आंखें फटी रह जाती है। हैरानी इसलिये कि न केवल मकान बारिश से धराशायी हो गया वरन बहाव इतना तेज था कि उसकी दीवारें, ईंटे पानी में बहकर दूर तक चली गई।
ये और ऐसे ही निशान है बारिश से हुई उस बर्बादी के हैं जिसने बीते 24 घंटो में कोलायत को पानी-पानी कर दिया। इसमंे बड़ा योगदान गुरूवार देर शाम झूंझुनूं का बंधा टूटकर कोलायत की तरफ आये पानी का रहा। यह पानी नदी की तरह सड़क पर तीन-तीन फीट तक बहा। जिधर से गुजर उधर रास्ते में जो भी आया उसे धराशायी कर दिया, बहा ले गया। यही वजह है कि लोहिया रोड पर दिखे ये नजारे महज उदाहरण है। कोलायत में दूर-दूर तक बर्बादी के ऐसे ही निशान नजर आ रहे हैं।
ऐसा नहीं है कि जब पानी बह रहा था तब प्रशासन या जनप्रतिनिधि अनजान थे बल्कि वास्तविकता यह है कि उस वक्त सभी बेबस थे और कुछ भी कर पाने की स्थिति में नहीं थे। कोलायत में तेज बारिश हो रही थी वहीं आस-पास के गांवों में भी लगातार मेघ मेहरबान थे। इसी बीच झझू में वह बंधा टूट गया जिसकी पहले से आशंका थी। नतीजा, तेजी से पानी बहता हुआ कोलायत में आया बर्बादी शुरू कर दी। कोलायतवासियों ने पूरी रात डर के साये में गुजारी।
अंशुमान ने सम्मान त्यागा, कलेक्टर-एसपी को मौके पर बुलाया:
कोलायत के युवा भाजपा विधायक अंशुमानसिंह भाटी हालात को लेकर रातभर चिंतित दिखे। अधिकारियों से लेकर ग्रामीणों तक से संवाद करते रहे। शुक्रवार को कोलायत में उनका जन-अभिनंदन प्रस्तावित था। भाटी ने इसे स्थगित करवाया और पूर्व प्रधान जयवीरसिंह भाटी सहित अपने समर्थकों के साथ उन इलाकों में जा पहुंचे जहां बारिश के कारण लोग सर्वाधिक प्रभावित हुए। हालात देख उनकी चिंता बढ़ गई। स्थानीय अधिकारी मौके पर ही थे लेकिन कलेक्टर और एसपी को फोन कर स्थिति बताई।
भाटी के फोन के बाद कलेक्टर नम्रता व्रष्णि और एसपी तेजस्वनी गौतम मौके पर पहुंचे। उन इलाकों का दौरा किया जहां हालात अत्यधिक खराब है। दुखद बात यह है कि हालात कोई एक-दो जगह खराब नहीं है वरन जहां भी टीमें पहुंच रही है। उन्हें किसी और गांव, बस्ती, इलाके से सूचना आ रही है कि हालात विकट है, हमें भी संभालों।
सबकी सुरक्षा देखें, कोई भूखा न रहे :
ऐसे में कलेक्टर-एसपी ने पूरे प्रशासनिक अमले और राहत से जुड़े अधिकारियों को हिदायत दी है कि टीमें बनाकर हर जगह राहत पहुंचाओ। लोगों को सुरक्षित निकालने की जरूरत है तो सुरक्षित स्थानों पर ले जाओ। रहने-खाने का बंदोबस्त करो। प्राथमिकता यह है कि आपदा मंे किसी की जान न जाएं। कोई भूखा न सोये, कोई छत के बगैर नहीं रहे।
दूसरी ओर एमएलए अंशुमानसिंह भाटी ने भी पूरे हालात पर एक रिपोर्ट तैयार की है और इसे मुख्यमंत्री को भेजा है। बारिश से प्रभावितों, पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत दिलाने का आग्रह किया है।
तीन वजहों से बिगड़े हालात:
पहली वजह: 24 घंटे में 172 मिमी, प्रदेश में सर्वाधिक बारिश वाले स्थानों मंे शामिल
दरअसल कोलायत में शुक्रवार सुबह बीते 24 घंटों मंे 172 मिमी बारिश हो गई। हालांकि राजस्थान मंे बीते 24 घंटों में 16 स्थानों पर 100 मिमी से ज्यादा यानी अत्यधिक भारी बारिश हुई लेकिन इनमें से सर्वाधिक बारिश जिन चार जगहों पर हुई उनमें एक कोलायत हैं। बीकानेर जिले के कोलायत के साथ ही बूंदी जिले का हिंडौन, अजमेर का मांगलियावास, ब्यावर का टाटगढ़ इसमंे शामिल है।
दूसरी वजह: पहले से लबालब था कस्बा
कोलायत में पहले ही खूब बारिश हो चुकी थी। तालाब लबालब था जिसमें और पानी जाने की स्थिति नहीं थी। ऐसे मंे तेज बारिश होते ही बचा हुआ पानी कस्बे के दूसरे निचले हिस्सों मंे जाने का खतरा साफ दिखता था। लगभग 550 मिमी बारिश मानसून के इस सीजन मंे यहां हो चुकी थी। ऐसे में नई बारिश होते ही यह आंकड़ा जहां 710 तक पहुंच गया वहीं कस्बे मंे पानी भंडारण की क्षमता से ऊपर चला गया। निचले इलाकों मंे जहां जगह मिली उधर पानी का रूख हो गया। यही वजह है कि रेलवे अंडर ब्रिज भर गया और इसमें एक ट्रक भी डूब गया।
तीसरी वजह: झझू का बंधा टूटा, सैलाब आया
कोलायत सहित आस-पास के गांवो में भी लगातार बारिश हुई। इनमें झझू, चक विजयसिंह पुरा, मढ़ कोटड़ी आदि शामिल है। झझू में एक बंधा बना हआ है जिसमें पानी पूरा भर चुका था। डर था कि अगर यह बंधा टूट गया तो पिछले सालों की तरह एक बार फिर तबाही ला सकता है। जैसा डर था, वैसा ही हुआ। देर शाम बंधा टूटा और रात तक कोलायत की सड़कों, दीवारों, घरों को धराशायी करता हुआ यह पानी सैलाब के रूप में पूरे कोलायत में पसर गया।
खतरा अभी टला नहीं है:
हालांकि समूचा प्रशासनिक अमला कोलायत मंे उतर आया है। आस-पास के गांवों तक भी राहत टीमें पहुंच रही है लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। मौसम विभाग अगले 24 घंटे मंे फिर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। ऐसे में अगर ऐसी ही बारिश एक बार फिर हो गई तो हालात विकट हो सकते हैं। यही चिंता कोलायत में मौके पर मौजूद कलेक्टर नम्रता, एसपी तेजस्वनी और विधायक अंशुमान सहित अन्य अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों के माथे पर दिखी। चिंता के साथ ही अनहोनी का डर कोलायतवासियों के चहरों पर दिख रहा है।
अब क्या होगा:
हालांकि विधायक अंशुमानसिंह भाटी ने भरोसा दिलाया है कि वे अपनी टीम के साथ पग-पग पर मौजूद हैं और प्रशासनिक अमला पूरी तरह मुस्तैद है इसके बावजूद लोग डरे हुए हैं। भाटी ने पूरी स्थिति की एक रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजने की बात कही है। उम्मीद है कि इस रिपोर्ट के आधार पर लोगों को राहत और इमदाद मिलेगी।
प्रशासन के सामने उठ रहे सवाल:
पूरे हालात के बीच कुछ सवाल भी खड़े हो रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि सब जानते थे कि बंधा टूटने वाला है। टूटेगा तो पानी किस रास्ते, किधर जाएगा इसका भी पूर्व अनुभवों के आधार पर अनुमान था। इसके बावजूद उस रास्ते से लोगों को प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षित स्थानों पर क्यों नहीं ले जाया गया।
दूसरा बड़ा सवाल यहां के बाशिंदे यह कर रहे हैं कि रात में बंधा टूटा। सैलाब आया। पूरा प्रशासन जानता था लेकिन आपदा राहत के लिए तैनात होने वाली एसडीआरएफ जैसी कोई टीम, कहीं नजर नहीं आई। शुक्रवार सुबह विधायक के मौके पर आने से कुछ देर पहले कुछ स्थानीय अधिकारी आये और हालात देखे। बाद में कलेक्टर-एसपी मौके पर पहुंचे।