बीकानेर की पहली अभिनेत्री पुष्पा जैन को 70 की उम्र में ‘रंग-आनंद’ अवार्ड
आरएनई, बीकानेर।
पूरे मंच पर महज एक कुर्सी। इस पर बैठी लगभग 70 वर्षीय एक महिला। इर्द-गिर्द खड़े पूर्व विधायक बिहारीलाल बिश्नोई, भाजपा नेता डा.सत्यप्रकाश आचार्य, साहित्य अकादमी के पूर्व राजस्थानी परामर्श मंडल संयोजक लेखक-पत्रकार मधु आचार्य ‘आशावादी’।
आरजे-अभिनेता जय मयूर टाक ने घोषण की ‘आखिर आ गया है वह क्षण जब हम लगभग 55 साल पहले रंगकर्म शुरू करने वाली बीकानेर की पहली अभिनेत्री पुष्पा जैन को रंग-आनंद अवार्ड प्रदान करने जा रहे हैं।’
पूरे हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट शुरू हो गई। इधर मंच पर पुष्पा जैन के आंसू बहने लगे। तालियों और आंसुओं में मानो होड़ लग गई और दोनों ही थमने को तैयार नहीं। जैसे-तैसे पूर्व विधायक बिहारीलाल बिश्नोई, डा.सत्यप्रकाश आचार्य, मधु आचार्य आशावादी, डा. चेतना आचार्य, सावित्री ने उन्हें संभाला। मालाएं पहनाई। सम्मान-पत्र, अवार्ड राशि का चैक सौंपा। आंसू अब भी बहे जा रहे थे।
पांच दशक तक मंच और कैमरे के आगे अपने अभिनय से दर्शकों को बांधे रखने वाली इस अभिनेत्री को जब माइक थमाया तो मुंह से बोल नहीं फूटे। टूटे-फूटे शब्दों में बोली भी तो याद किया, आनंद वि.आचार्य को जिनकी स्मृति में यह सम्मान दिया गया। उनकी ओर से किये गए आनंद के इस जिक्र ने हॉल में मौजूद स्व.आचार्य की पत्नी विजय लक्ष्मी, आयोजन में पर्दे के पीछे रहकर एक-एक काम को संभालने वाले अभिषेक आचार्य सहित आनंदजी के मित्रों, सहकर्मियों, रंगकर्मियों को भी भावुक कर दिया।
प्रदीप भटनागर, एल,एन, सोनी, इकबाल हुसैन, हरीश बी.शर्मा, संजय पुरोहित, राजेंद्र जोशी, मोहम्मद रफीक पठान, सिंगर रफीक, जीतसिंह, विजयसिंह, युग, मीनाक्षी सबके चेहरों पर इन भावों को देखा जा सकता था। रंग आनंद अवार्ड से सम्मानित पुष्पा जैन की पोती ने भी माइक थामा मगर वह भी अपने दादी के इस सम्मान से अभिभूत हो खुशी से सिसकती दिखी।
…और बिहारी बोले, हम खुद को सम्मानित महसूस कर रहे:
नोखा के पूर्व विधायक और रंग-आनंद से लगातार जुड़े रहे बिहारीलाल बिश्नोई ने इस आयोजन से अपने जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा, यह हमारे लिये गौरव का विषय है कि बीकानेर की पहली रंगनेत्री को ‘रंग आनंद-अवार्ड’ प्रदान करने जा रहे हैं। ऐसा करते हुए हम खुद को सम्मानित होता महसूस कर रहे हैं।
सत्यप्रकाश आचार्य बोले, यह हमारे लिये सदेह प्रेरणा:
भाजपा नेता और राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के पूर्व सचिव डा.सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा, पुष्पा जैन की इस मंच पर मौजूदगी हम लोगों के लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा है। यह क्षण अविस्मरणीय है। हमारी पीढ़ियां इन्हें देखकर जीवन जीने का हुनर सीख सकती है।
‘आशावादी’ ने कहा, बीकानेर का रंग-जगत अतुलनीय:
पत्रकार, लेखक, रंगकर्मी मधु आचार्य आशावादी बोेले, आयोजन का यह रूप जाहिर करता है कि बीकानेर के रंग-जगत का देश-दुनिया में कोई सानी नहीं है। यहां की रंग-परंपराओं को निभाते हुए पुष्पा जैन का जिस तरह अभिनंदन किया गया है वह एक मिसाल है। रंगकर्मियों के सहयोग से संकल्प नाट्य समिति हर साल इस आयोजन को और अधिक समृद्ध तरीके से करती रहेगी।
पिता की आंखें…
…और इन सबके बीच खचाखच भरे टाऊन हॉल की एक सीट पर बैठे विद्यासागर आचार्य किंकर्तव्यविमूढ़ शून्य में देखते नजर आए। मानो उनके जेहन में अपने बड़े बेटे आनंद के जन्म से लेकर अब तक के चित्र किसी फिल्म की तरह घूम रहे हो। शायद खुद को दिलासा दे रहे हो… सदेह न सही लेकिन सैकड़ों लोगों के दिलों में जिंदा है “आनंद”।