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दर्दनाक: पटाखे चला रहे दो बच्चे के हाथ के पंजे उड़ गये

RNE, NAGAUR. 

तय है कि ये वीभत्स फोटो देखकर अनुमान नहीं लगा सकते कि मसला क्या है! ऐसे में सीधे तौर पर बता दें ये दो बच्चों के हाथ का हिस्सा है। हाथ के पंजों के चिथड़े उड़े हुए है। दर्द इतना की जब बच्चों को इस हालत में हॉस्पिटल लाया गया तो रोने-चिल्लाने से पूरा हॉस्पिटल गूंज गया। देखने वालों को आंखें फेर लेनी पड़ी।

यह तस्वीर है नागौर जिले के मूंडवा की। यहां दो बच्चों के हाथों में पटाखे फूटने से वे गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों के एक-एक हाथ के पंजे के चिथड़े उड़ गए। इनको मूण्डवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पटाखे हाथों में फूटने से मूण्डवा निवासी सन्नी (10) पुत्र रामप्रसाद के दांए हाथ का पंजा उड़ गया। उसे इलाज के लिए जोधपुर रैफर कर दिया। इसी तरह रितिक (12) पुत्र सुनील को ईलाज के लिए बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल लाया गया है। रितिक के परिजनों ने बताया कि बांए हाथ की अंगुलियां नहीं बची। दोनों बच्चे खेलते-खेलते घर से कुछ दूर तालाब परिसर में चले गए। जहां कोई पटाखा हाथों में फूट गया।

आतिशबाजी करवाएँ पर इन बातों का ध्यान रखें : 

इन घायल बच्चों का इलाज चल रहा है। इसके साथ ही “Rudra News Express” सभी अभिभावकों से आग्रह कर रहा है कि दीपावली पर बच्चों को आतिशबाज़ी करवाएँ लेकिन पूरी तरह सतर्क रहे। सुरक्षा के पूरे इंतजाम करें।

इन बातों का ख्याल रखें : 

  • आतिशबाजी हमेशा खुली जगह पर करनी चाहिए।
  • पटाखे जलाते समय बच्चों को दूर रखें
  • ढीले-ढाले सूती कपड़े पहनें।
  • जहां पटाखे जला रहे हैं, वहां एक पानी की बाल्टी भी रखें।
  • पटाखे जलाते के लिए माचिस की बजाय अगरबत्ती या फुलझड़ी का इस्तेमाल करें।
  • मटके, कांच की बोतल, डिब्बों आदि का इस्तेमाल न करें।

 

  • भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में पटाखे न चलाएं।
  • सूखी घास या झाड़ियों वाले इलाकों में पटाखे न जलाएं।
  • हो सके तो पटाखे जलाते समय, चश्मे का इस्तेमाल करें।
  • अस्थमा या एलर्जी के मरीज़ों को पटाखे जलाने से बचना चाहिए।
  • दिल के मरीज़ों के पास ज़्यादा आवाज़ वाले पटाखे न चलाएं।
  • पटाखे से झुलस जाएं तो तुरंत पानी में हाथ डुबाकर रखें, डॉक्टर से संपर्क करें।