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अभी शांत रहिये, इंतजार कीजिये, सरकार व विपक्ष चुनाव में व्यस्त है!

RNE Special

यदि आपको अपने किसी काम की स्वीकृति लेनी है, पूर्व में हुए निर्णय को लागू कराना है, विकास के किसी काम की शुरुआत करानी है, तबादला कराना है, पोस्टिंग की जल्दी है आदि आदि काम है तो अभी शांत रहिये। थोड़ा इंतजार कीजिये। क्योंकि सरकार, उसके मंत्री व विधायक, साथ ही विपक्ष के नेता अभी उप चुनाव में व्यस्त है। वोट पड़ जाएं तब तक तो आपको शांति से बैठकर प्रतीक्षा ही करनी पड़ेगी। आपके पास इसके अलावा कोई उपाय नहीं है। चुनाव है तभी तो ये लोग नेता है। इस कारण राजधानी जयपुर में अभी सरकार के सभी गलियारे सुने हैं। सीएम, डिप्टी सीएम व मंत्री क्षेत्रों में लगे हुए हैं। सत्ता के गलियारों में अभी सन्नाटा पसरा हुआ है।

पहले बात सरकार के दल भाजपा की। भाजपा के लिए ये उप चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बने हुए हैं। क्योंकि उप चुनाव के पहले चरण में भाजपा को पूरी तरह असफलता मिली थी। जबकि 1970 से ये परंपरा है कि उप चुनाव सत्ता पक्ष ही जीतता है। पिछली अशोक गहलोत सरकार इसका उदाहरण है। मगर भजनलाल सरकार में पहले चरण में दो सीटों, श्रीकरणपुर व बागीदौड़ा विधानसभा, में उप चुनाव हुए। वो दोनों चुनाव भाजपा ने हारे। श्रीकरणपुर की हार तो पार्टी को अब तक साल रही है। यहां भाजपा ने सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को उम्मीदवार बनाया। उनकी जीत में कोई कमी न रहे इस कारण पहले ही स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री बना दिया।

मगर कांग्रेस ने भाजपा व टीटी को यहां हरा दिया। बागीदौड़ा सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता महेन्द्रजीत सिंह मालवीय की थी। वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए, सीट छोड़ दी। इस कारण यहां उप चुनाव हुआ। वे खुद लोकसभा का चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़े। भाजपा को दोहरी हार मिली मालवीय लोकसभा सीट हारे व बागीदौड़ा भी भाजपा हार गई, दोनों जगह आदिवासी पार्टी जीती।

इस कारण सरकार व संगठन की साख उप चुनाव के इस दूसरे चरण में लगी हुई है। इस बार सात सीटों पर उप चुनाव है। भाजपा की 1 सीट है मगर वो अधिक जीतकर खोई साख पाना चाहती है। ये तभी सम्भव है जब संगठन के साथ सरकार की भी पूरी शक्ति लगाई जाये। सरकार ने एक एक सीट पर दो दो मंत्री व कई विधायक उतारे हुए हैं ताकि हर वोटर तक सरकार भी पहुंचे। कुल मिलाकर भाजपा ने 34 बड़े नेताओं को इन 7 सीटों पर उतारा हुआ है। सीएम भी लगातार सीटों पर घूम घूमकर प्रचार कर रहे हैं।

इतने लोगों के चुनाव में लगे होने से राजधानी के सत्ता के गलियारों में तो सन्नाटा पसरेगा ही। जनता, लोग काम के लिए भटके तो भटके। अभी तो केवल 7 सीटों के वोटर पर ही ध्यान देना है। जीतेंगे तभी तो सरकार को मजबूती मिलेगी। चुनाव पहले, बाकी काम तो बचे समय मे ही देख लेंगे।

अब मजबूत विपक्ष कांग्रेस की बात। सत्ता की गलतियों को उठाने, उन पर बोलने, सरकार को पत्र लिखकर चेताने का काम तो विपक्ष ही करता है। मगर अभी उसे न तो जनता के लिए पत्र लिखने की फुर्सत है, न जन आंदोलन की चिंता है, न धरने प्रदर्शन की फुर्सत है। अभी तो किसी तरह उप चुनाव में साख बचानी है। कांग्रेस की ज्यादा साख दाव पर लगी है। सात में से 4 सीट रामगढ़, दौसा, देवली उणियारा और झुंझनु कांग्रेस की सीटें हैं तो जाहिर है उनको जीतना पहली प्राथमिकता है। एक सीट और लपक लेंगे तो हमलावर होने का अवसर मिलेगा। इसी उधेड़बुन में अभी विपक्ष भी राजधानी में नहीं, 7 सीटों पर पसरा हुआ है।

कांग्रेस ने पूरी फौज इन 7 सीटों पर उतारी हुई है। 7 सीट है और कांग्रेस ने 42 नेताओं को वहां उतार रखा है। अब चुनाव जीतेंगे तभी तो विपक्ष की राजनीति को मजबूत करेंगे। जनता को यदि अपनी आवाज विपक्ष से उठवानी है तो उसे भी उप चुनाव की समाप्ति तक इंतजार करना पड़ेगा। अभी विपक्ष भी चुनाव की खुमारी है। जनता अभी उनसे कोई उम्मीद न करे।

आखिर ऐसा कब तक चलेगा ? चुनाव क्यों सरकार व विपक्ष को ठप्प करते हैं ? चुनाव लड़ना और लड़ाना पार्टी संगठन का काम है। फिर क्यों सरकार व विपक्ष जनता की उपेक्षा कर इसमें अग्रणी बनते हैं। ये लोकतंत्र के लिए चिंतनीय है। मतदाता, जो उप चुनाव में भागीदार है, कम से कम उसे तो सोचना ही चाहिए।



मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘ के बारे में 

मधु आचार्य ‘आशावादी‘ देश के नामचीन पत्रकार है लगभग 25 वर्ष तक दैनिक भास्कर में चीफ रिपोर्टर से लेकर कार्यकारी संपादक पदों पर रहे। इससे पहले राष्ट्रदूत में सेवाएं दीं। देश की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं में आचार्य के आलेख छपते रहे हैं। हिन्दी-राजस्थानी के लेखक जिनकी 108 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। साहित्य अकादमी, दिल्ली के राजस्थानी परामर्श मंडल संयोजक रहे आचार्य को  अकादमी के राजस्थानी भाषा में दिये जाने वाले सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जा चुका हैं। राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के सर्वोच्च सूर्यमल मीसण शिखर पुरस्कार सहित देशभर के कई प्रतिष्ठित सम्मान आचार्य को प्रदान किये गये हैं। Rudra News Express.in के लिए वे समसामयिक विषयों पर लगातार विचार रख रहे हैं।