जस्टिस शेखर पर महाभियोग के लिए राज्यसभा में नोटिस
RNE Network
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव के खिलाफ राज्यसभा में महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस दिया गया है। प्रस्ताव पर 55 राज्यसभा सांसदों के हस्ताक्षर है।
कपिल सिब्बल के नेतृत्त्व में प्रतिनिधिमंडल ने राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को महाभियोग प्रस्ताव पेश किया। प्रतिनिधिमंडल में सांसद विवेक तंखा, दिग्विजय सिंह, पी विल्सन, जॉन ब्रिटास, साकेत गोखले, के टी एस तुलसी शामिल हैं।
महाभियोग में आरोप लगाया गया है कि जस्टिस यादव का भाषण प्रथम दृष्टया नफरत फैलाने वाला और साम्प्रदायिक विद्वेष को बढ़ावा देता है, जो देश के संविधान का उल्लंघन है। जज ने अपनी टिप्पणीयों से अल्पसंख्यकों के खिलाफ पक्षपात व पूर्वाग्रह प्रदर्शित किया। इसके अतिरिक्त दावा किया गया कि समान नागरिक संहिता से सम्बंधित राजनीतिक मामलों पर सार्वजनिक रूप से विचार व्यक्त कर जज ने न्यायिक जीवन के मूल्यों के पुनरकथन 1997 का उल्लंघन किया है।
महाभियोग प्रस्ताव के माध्यम से सांसदों ने सभापति जगदीप धनकड़ से अनुरोध किया है कि वह न्यायाधीश ( जांच ) अधिनियम 1968 के अनुसार आरोपों की जांच के लिए जांच समिति गठित करने और आरोप सिद्ध होने पर जज शेखर को पद से हटाने के लिए राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजे।