दिल्ली में कल अचानक सीएम भजनलाल मिलने पहुंचे वसुंधरा से
- 40 मिनट दोनों में हुई बात, राजनीतिक चर्चा तेज
RNE, NETWORK.
कल राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दिल्ली में थे। वे मंत्रिमंडल विस्तार, राज्य की योजनाओं पर चर्चा के लिए गृहमन्त्री अमित शाह सहित कई नेताओं से मिले। अपनी सरकार का कार्यकाल एक साल पूरा करने पर रिपोर्ट कार्ड दिया।
अब आने वाले समय मे मंत्रिमंडल का विस्तार व पुनर्गठन भी होना है। उस पर भी चर्चा हुई है। भजनलाल मंत्रिमंडल में 6 पद अभी तक खाली है, जिनको भरा जाना है। राजनीतिक नियुक्तियां होनी है। संगठन में पदाधिकारी बनाये जाने हैं। इन सब लक्ष्यों को लेकर ही सीएम दिल्ली गये थे।
अचानक राजे के निवास पहुंचे
अपनी सभी मुलाकातें पूरी करने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जब फ्री हुए तो एयरपोर्ट जाने से पहले उनका काफिला सीधे पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के दिल्ली आवास सिंधिया विला की तरफ मुड़ गया। बस, इतना होते ही राजनीतिक चर्चा तेज हो गई। दिल्ली से लेकर जयपुर तक चर्चाएं गर्म हो गई।
सीएम भजनलाल सिंधिया विला में गये और 40 मिनट बाद बाहर निकले। सीएम व राजे के मध्य अकेले में ये बात हुई। पहली नजर में इसे शिष्टाचार की मुलाकात बताया जा रहा है। मगर सब जानते हैं कि इस तरह की मुलाकातें केवल शिष्टाचार की नहीं होती। ऐसी मुलाकातों में सिवाय राजनीति के कोई दूसरी बात भी नहीं होती।
मोदी से पहले मिली थी राजे
इससे पहले संसद का सत्र समाप्त होने के दिन पूर्व सीएम राजे ने संसद में प्रधानमंत्री मोदी से एक मुलाकात अकेले में की थी। बतातें है, उन्होंने मोदी को एक साल के कार्यकाल पर अपनी रिपोर्ट भी दी। अपने क्षेत्र से जुड़ी बातें की। अन्य कई राजनीतिक मसलों पर भी बात हुई। राज्य की राजनीति का फीडबैक भी दिया।
कयास ये लगाया जा रहा है कि उस मुलाकात के बाद ही शायद सीएम भजनलाल को उनसे मिलने की सलाह दी गई होगी। तभी वे अचानक से राजे से मिलने उनके निवास गये और लंबी बात की।
ये बड़े मुद्दे हैं
- राज्य की राजनीति को लेकर इस समय कई बड़े मुद्दे हैं। वसुंधरा राजे व उनके समर्थक विधायक, सांसद अभी मौन है। कुछ भी नहीं कहते। राजे तो उप चुनाव प्रचार में भी नहीं दिखी। न उनके समर्थक वरिष्ठ विधायक दिखे।
- विधानसभा सत्र के दौरान भी वे सदन में चुप बैठे रहते हैं। कई बार तो सरकार उलझ भी जाती है मगर वे चुप रहते हैं। बिगड़े फ्लोर मैनेजमेंट में वे मूक दर्शक बने रहते हैं और सरकार की किरकिरी होती है।
- मंत्रिमंडल में भी राजे के साथ के वरिष्ठ विधायको को जगह नहीं मिली है। वे सरकार के लिए कोई समस्या भी खड़ी नहीं कर रहे मगर मौन रहते हैं, जो ज्यादा विचारणीय विषय है। अब देखना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में उनको जगह मिलती है या नहीं। हो सकता है इस पर भी दोनों के मध्य वार्ता हुई हो। राजनीतिक नियुक्तियों पर भी चर्चा सम्भव है।
राजे के भविष्य पर भी बात सम्भव
इन दिनों फिर से राजे को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की बात परवान पर है। मोदी से मिलने के बाद तो ये चर्चा जोरों से है। सीएम के जाकर उनसे मिलने पर इस चर्चा को बल भी मिला है।
महत्ती है सीएम व राजे की मुलाकात
कल दिल्ली में सीएम व वसुंधरा राजे की मुलाकात के कई राजनीतिक अर्थ निकलेंगे। बहुत कुछ बदलने के आसार भी नजर आ रहे हैं। बात निकली है तो दूर तलक जाएगी। यूं ही राजे से मिलने नहीं गए हैं सीएम, ये तो तय है।