
साहित्य अकादेमी द्वारा साहित्य मंच कार्यक्रम आयोजित, चार लेखकों द्वारा बहुभाषी रचना-पाठ
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साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित साहित्य मंच कार्यक्रम में आज चार रचनाकारों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। ये रचनाकार थे – संग्राम मिश्र (ओड़िआ), रत्नोत्तमा दास (असमिया), रीता मल्होत्रा (अंग्रेज़ी) एवं राजिंदर ब्याला (पंजाबी)। कार्यक्रम की अध्यक्षता संग्राम मिश्र ने की। सर्वप्रथम रत्नोत्तमा दास ने अपनी असमिया कहानी ‘रई जावा घड़ी’ के अंग्रेज़ी अनुवाद ‘द वाच ऑन हर रिस्ट’ का पाठ किया, जो एक डॉक्टर के मनोविज्ञान पर आधारित थी। एक छोटी बच्ची की दुर्घटना से वह किस तरह आहत होता है इसका सूक्ष्म वर्णन कहानी में किया गया था। रीता मल्होत्रा ने अपनी चार कविताएँ सुनाईं जिनके शीर्षक थे ‘जुगलबंदी’, ‘लीला इज सिक्सटिन’, ‘द सोल डिस्कवर्स इट्स इटरनिटी’ एवं ‘टुवर्ड्स इनफिनिटी’।
उनकी कविताओं में वर्तमान समाज की विसंगतियों के साथ ही प्रकृति का सुंदर चित्रण भी था। राजेंद्र ब्याला ने अपनी तीन कविताएँ प्रस्तुत कीं जिनके शीर्षक थें ‘कतरा-कतरा’, ‘प्रेम की पहली कविता’ एवं ‘वाय डू आई राइट’।
अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संग्राम मिश्र ने सभी रचनाकारों की प्रस्तुति पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ कीं तथा अपनी दो कविताएँ प्रस्तुत कीं। एक कविता उन्होंने ओड़िआ भाषा में भी प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन अकादेमी के उपसचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न भाषाओं के महत्त्वपूर्ण कवि, लेखकों के साथ अच्छी संख्या में साहित्य प्रेमी भी उपस्थित थे।