
Bikaner Blast : 24 घंटे से चल रहा रेस्क्यू, मलबे में से 04 और शव निकले, अब तक 08 मौत, अभी भी लोगों के दबे होने की आशंका
- दो बेटे काम पर आए, एक की मौत, दूसरा जयपुर रैफर, जिसकी मौत हई उसकी शादी दो महीने पहले हई थी
- मलबे में 07 शव मिले, 01 की हॉस्पिटल में मौत, 01 जयपुर ले गये, 02 गंभीर:
- तीन बेटियों का पिता चल बसा, छह बहिनों का इकलौता भाई
RNE Bikaner.
‘हम पैसे के लालची नहीं। सरकार का मुआवजे वाला पैसा नहीं चाहिये। पकड़कर उस कटले वाले को लाओ जिसने हमारे बच्चों की जान ली। मेरे दो पोते सुनारी का काम करने मजदूरी पर आये। कटला दब गया। इनमें से एक किशन की मौत हो गई जिसकी शादी तीन महीने पहले की थी। दूसरे पोते को गंभीर हालत में निकाला गया है। जयपुर रैफर किया है। जो दोषी है उसको पकड़कर यहां लाओ, सजा दो।’
यह दर्द है बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में मोर्चरी के आगे धरने पर बैठे पारसमल सोनी का। देशनोक निवासी सोनी के दो पोते उस कटले में सुनारी का काम करते थे जो बुधवार को सिलेंडर ब्लास्ट में ध्वस्त हो गया। एक पोते का मलबे में शव मिला। दूसरा गंभीर हालत में मिला। पास उनका बेटा और दो में से एक बेटा खो चुका पिता भी नम आंखें लिए बैठा था। उसकी होठों से बोल नहीं फूट रहे। बस इतना ही कहा, किशन, उत्तम दो ही बेटे। दोनो यहां काम करते। उत्तम को जयपुर ले गये हैं।
यह इस एक परिवार का नहीं वरन हर उस परिवार का दर्द है जिसने नया कुआ इलाके में बुधवार को हुए विस्फोट में अपनों को खोया है।
मलबे में 07 शव मिले, 01 की हॉस्पिटल में मौत:
इस विस्फोट के बाद मलबे में अब तक 07 शव मिल चुके हैं। बीती पूरी रात चले रेस्क्यू के बाद तड़के से अब तक 04 शव मिले हैं। मलबे में अब भी शव होने की आशंका है। इस बीच हॉस्पिटल में भर्ती एक गंभीर घायल की मौत हो गई। ऐसे में अब तक इस हादसे में कुल 08 मौतें हो चुकी हैं। एक गंभीर घायल को परिजन जयपुर ले गये हैं। इसके अलावा दो भर्ती रोगियों की हालत गंभीर बताई जा रही है। सर्जरी विभागाध्यक्ष डा.मनोहर दवां, न्यूरोसर्जरी के डा.कपिल सहित डॉक्टर्स की एक पूरी टीम इनकी देखरेख कर रही है।
..और इधर आक्रोश-पकड़कर लाओ उस कटले वाले को:
हादसे के लगभग 24 घंटे में मलबा लगातार शव उगल रहा है। हर एक मौत के साथ बढ़ता दर्द अब आक्रोश का रूप ले रहा है। स्वर्णकार समाज के मनीष लांबा, कांग्रेस नेता अब्दुल मजीद खोखर आदि के साथ सर्व समाज के सैकड़ों लोग मोर्चरी के आगे धरने पर बैठ गये हैं। आक्रोशित लोगों को जहां इस बात पर गुस्सा है कि प्रशासन के बड़े अधिकारी अब तक एक बार भी मोर्चरी पर नहीं आये वहीं वे गरीब मजदूरों के परिजनों को मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही ज्यादा आक्रोश उस कटलेनुमा मार्केट संचालक के खिलाफ है जिसने अधिक किराये के लालच में छोटी-सी जगह में अपर व लोअर बेसमेंट तक का निर्माण कर दिया। मनीष लांबा कहते हैं, किसन परमिशन दी उसे। अवैध निर्माण है तो ध्वस्त करो।
अब्दुल मजीद खोखर बोले, प्रशासन अब संवेदनशील और जिम्मेदारी का रवैया अपनाता तो हालात नहीं बिगड़ते। अब भी समय है, आस-पास जाकर देखो। ऐसे कितने मौत के कटले बने हुए हैं। इस कटले के मालिक को पकड़कर लाओ। मृतकों के परिजनों को उससे 50-50 लाख रुपए मुआवजा दिलवाओ।
यहां बंगाल से आये कई ऐसे मजदूर भी मौजूद है जिनके साथी की मलबे में दबने से मौत हो गई। वे कहते हैं, दो साथी मौजूद थे। एक का शव मिल गया। दूसरे का अभी पता नहीं चला है। हमें दोनों शव लेकर बंगाल जाना है। पता नहीं कैसे व्यवस्था होगी? कब शव मिलेंगे?
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