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पीबीएम में रोगी की मौत: टायलेट की बजाय डक के पैनलगेट में गया, गिरने से मौत

RNE, BIKANER. 

बीकानेर के हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल में एक रोगी के दूसरी मंजिल से गिरकर मरने की हैरान करने वाली घटना सामने आई है। इस दुर्घटना मौत के बारे में कई देर तक मरीज के परिजनों और हॉस्पिटल स्टाफ को जानकारी ही नहीं मिल पाई।

मामला यह है :

हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल के सैकंड फ्लोर स्थित एक कॉटेज में भर्ती रोगी नागौर जिले के हीरसिंह की दूसरी मंजिल से गिरने से मौत हो गई। घटना देर रात दो से तीन बजे के बीच हुई। दरअसल रोगी कॉटेज संख्या 210 में भर्ती था।

बताया जा रहा है कि उस कॉटेज का टायलेट खराब होने से वहां भर्ती रोगी पास के दूसरे कॉटेज का टायलेट यूज करते हैं। ऐसे में यह रोगी भी देर रात शायद टायलेट के लिए उठा। उसके पास सो रहे परिजन को शायद इसकी जानकारी नहीं मिली। वह पास के कॉटेज में जाने के बीच में बना एक पैनल का गेट खोलकर उसमें प्रवेश कर गया। विद्युत लाइन आदि के लिए डक की तरह बनाये इस पैनल गेट में घुसते ही सीधे दो मंजिल नीचे गिरा। चीख और धमाके की आवाज के बीच कई देर यह पता ही नहीं चल पाया कि मामला क्या है।

स्टाफ सहित सभी लोग इधर-उधर कुछ तलाशने लगे। आखिरकर खुले पैनल गेट पर नजर गई तो नीचे जाकर देखा और रोगी घायल अवस्था में था जिसे बाद में डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।

मौत ने हॉस्पिटल प्रशासन पर खड़े किये दो बड़े सवाल:

पहला सवाल :

इस मौत ने हॉस्पिटल प्रशासन पर फिर सवाल खड़े कर दिये हैं। पहला और बड़ा सवाल है कि कॉटेज का टायलेट खराब है तो उस कॉटेज को उपयोग में क्यों लिया जा रहा है। टायलेट लंबे समय से खराब होने और यहां का पानी कैथलैब में जाने की जानकारी सामने आई है। ऐसे में अच्छा-खासा बजट होते हुए भी इसे ठीक क्यों नहीं करवाया गया !

दूसरा सवाल :

सेफ़्टी पैनल गेट मूलरूप से इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट या इलेक्ट्रिक डिपार्टमेंट के कामकाज के लिए होते हैं। इसमें वायर लटके होते हैं। इस गेट के में लॉक भी होता है। यह आवश्यक भी है कि हर हाल में ये गेट लॉक ही रखे जाएं। दुर्घटना में मौत होना साफ जाहिर करता है कि गेट पर लॉक नहीं थे। इसके लिये कौन जिम्मेदार है ?