करोड़ो रुपए के सोने के साथ गिरफ़्तार युवतियों ने बताया सिर्फ 800 रुपए मिलते हैं इस काम के
आरएनई,नेशनल ब्यूरो।
बीएसएफ इंटेलीजेंस के सीक्रेट इनपुट के आधार पर चलाए गए सर्च ऑपरेशन के बाद दो युवतियों को सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में लिया है। पकड़ी गई दोनो युवतियों ने अब तक भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से करोड़ो रुपए के सोने की तस्करी की बात कबूल की है। दोनों पश्चिम बंगाल मूल की है। दोनो युवतियां ट्रेन के माध्यम से अब तक करोड़ो रुपए के सोने की तस्करी को अंज़ाम दे चुकी है, जिनसे बीएसएफ ने करोड़ो रुपए का सोना पकड़ा है।
करोड़ो की तस्करी, मेहनताना 800
सुरक्षा एजेंसियों से पूछताछ के दौरान दोनों युवतियों ने यह खुलासा किया है कि जिस गुनाह के लिए उन दोनों को गिरफ्तार किया गया है, उसको करने के एवज में उन्हें सिर्फ 800 रुपए ही मिलते थे, जबकि उनसे गुनाह कराने वाला हर डील पर लाखों कमाता था। उन्होंने खुलासा किया कि इन 800 सौ रुपए के लिए उन दोनों को सामने से आने वाले हर हुक्म को न केवल अक्षरश: मानना पड़ता था, बल्कि अपना सबकुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार रहना पड़ता था।
पूछताछ के दौरान, पश्चिम बंगाल मूल की इन दोनों युवतियों की पहचान पद्मा उर्फ जयंती और मिठू विस्वास के रूप में हुई। पद्मा ने बताया कि मिठू के साथ उसका मौसी-बेटी का रिश्ता है। उसने आगे खुलासा करते हुए यह भी बताया कि वह श्यामन विश्वास के इशारे पर काम करती है। श्यामन फोन के जरिए बताता था कि उन्हें किस ट्रेन की किस कोच में बैठना है और किस स्टेशन पर उतर कर किससे मिलना है, इसकी जानकारी भी चंद मिनट पहले फोन पर दी जाती थी।
बीएसएफ इंटेलीजेंस ने ऐसे दिया अंजाम
बीएसएफ इंटेलीजेंस यूनिट की सूचना पर दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अंतर्गत आने वाले गेदे बीओपी के जवानों ने आरपीएफ के साथ संयुक्त टीम तैयार की। बीएसएफ-आरपीएफ की संयुक्त टीम ने सियालदह जाने वाली ट्रेन में एक सीक्रेट सर्च ऑपरेशन चलाकर दोनों युवतियों की पहचान सुनिश्चित की। बाद में, दोनों युवतियों को मयूरहाट हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर उतार लिया गया। तलाशी के दौरान इनके कब्जे से करीब ₹1,34,54,775/- कीमत का 1.929 किलो सोना बरामद किया गया।