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Bikaner Laxminath Temple : सीढ़ियों वाले रास्ते का मुद्दा जेठानन्द ने 10 महीने पहले विधानसभा में रखा, आज जाकर देखा तो वही हालात

RNE Bikaner.

बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानन्द व्यास ने गुरुवार को लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर में जाकर वहां के हालात देखे और अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई।

यहां सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मंदिर तक पहुंचने वाले उस सीढ़ियों के रास्ते पर भी एमएलए जेठानन्द गए जिसका मुद्दा उन्होने 24 जुलाई 2024 यानी लगभग 10 महीने पहले विधानसभा में उठाया था।

उस वक्त एमएलए व्यास ने पूर्व मंत्री बी.डी.कल्ला पर आरोप लगाया था कि उनकी वोट की सियासत के कारण एक समुदाय के लोगों ने इस रास्ते पर कब्जा कर लिया है।

इस पर वरिष्ठ विधायक राजेंद्र पारीक ने आपत्ति भी जताई थी। अभी मसला यह है कि एमएलए जेठानन्द ने जिस मुद्दे पर कल्ला को कोसा था वह विधानसभा में उठाने के 10 महीने बाद भी जस का तस है।

खुद विधायक गुरुवार को जब इन सीढ़ियों से उतरे तो उन्हें पता चला कि आगे रास्ता बंद है। हालांकि उन्होंने कब्जेधारियों को रास्ता छोड़ने की नसीहत दी लेकिन यहां हैरानी की बात यह है विधानसभा में मुद्दा उठने के बाद भी प्रशासन ने इस ओर झांका तक नहीं।

लक्ष्मीनाथ मंदिर में विकास कार्य का अवलोकन करने गए थे व्यास :

दरअसल बीकानेर (पश्चिम) विधायक जेठानंद व्यास ने मंगलवार को लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर का अवलोकन करते हुए यहां होने वाले कार्यों के बारे में जाना। इसी दौरान विधायक जेठानन्द ने सीढ़ियों वाला वह रास्ता भी देखा जिसका मुद्दा विधानसभा में उठाया था। उन्होंने अपने स्तर पर ही लोगों से बीच रास्ते में कब्जे हटा लेने को कहा।

इस मौके पर विधायक व्यास ने बताया कि बजट घोषणा की अनुपालना में शहर के विभिन्न मंदिरों में कार्य करवाए जाएंगे। इनमें लक्ष्मीनाथ मंदिर के अलावा भीनासर का मुरलीमनोहर मंदिर, सिया राम जी की गुफा और शीलता माता मंदिर प्रमुख है।

विधायक ने बताया कि लक्ष्मीनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार से जुड़े विभिन्न कार्य होंगे, इनमें पार्कों और महिला-पुरुष शौचालयों का रखरखाव, चार दिवारी ऊंचा करना और मंदिर परिसर में कैमरे और लाइटें लगवाना, पैनोरमा निर्माण और पार्किंग व्यवस्था प्रमुख हैं। विधायक ने बताया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा यह कार्य करवाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि लक्ष्मीनाथ मंदिर जन-जन की आस्था का केंद्र है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलें, इसमें कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि लक्ष्मीनाथ मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता से करवाया जाएगा।