हिन्दी, उर्दू और राजस्थानी काव्य धारा को नए आयाम एवं नव ऊंचाईयां देने कवि-शायर करेंगे रचना वाचन
RNE, Bikaner
प्रज्ञालय संस्थान और राजस्थानी युवा लेखक संघ द्वारा नगर की समृद्ध काव्य परंपरा को नव आयाम देने के संदर्भ में काव्य विधा पर केन्द्रित मासिक शृंखला ‘काव्य रंगत-शब्द संगत की तीसरी कड़ी आगामी 26 जुलाई, 2024 वार शुक्रवार को आयोजित की जाएगी।
कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ साहित्यकार, केन्द्रिय साहित्य अकादेमी नई दिल्ली के मुख्य पुरस्कार एवं अनुवाद पुरस्कार से समादृत एवं राजस्थानी मान्यता आंदोलन के प्रवर्तक कमल रंगा ने बताया कि भाषायी भाईचारे एवं समन्वय के साथ नगर की हिन्दी, उर्दू और राजस्थानी काव्य धारा को नए आयाम एवं नव ऊंचाईयां देने हेतु, इसी सकारात्मक नव पहल के तहत उक्त प्रयोजन हेतु आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम के समन्वयक कवि एवं शिक्षाविद् संजय सांखला ने बताया कि इस माह का आयोजन आगामी 26 जुलाई 2024 वार शुक्रवार को सांय 6ः00 बजे नत्थूसर गेट बाहर स्थित लक्ष्मीनारायण रंगा सृजन सदन में रखा गया है। इस तीसरे आयोजन में बरसात, वर्षा, बिरखा को केन्द्र में लेकर रखा गया है। इसी को केन्द्र में रखकर कवि-शायर अपनी नव रचना का वाचन करेंगे।
कार्यक्रम प्रभारी एवं संस्था के राजेश रंगा ने बताया कि कविता विधा पर आधारित इस नव पहल के नव कार्यक्रम जिसके तहत इस बार पूरे वर्ष भर प्रकृति पर केन्द्रित प्रकृति के विभिन्न आयामों को लेकर हिन्दी, उर्दू और राजस्थानी भाषा में प्रति माह नई कविता के साथ कवि-शायर वाचन करेंगे। इससे पूर्व प्रथम कड़ी धरती पर केन्द्रित थी तो दूसरी कड़ी आकाश पर केन्द्रित रही।