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कांग्रेस संगठन में बदलाव की उलटी गिनती शुरू, 50 से अधिक पदाधिकारी हटेंगे

RNE Bikaner

राजस्थान के कांग्रेस संगठन में बदलाव की उलटी गिनती अब शुरू हो गई है। शीघ्र ही अनेक प्रदेश पदाधिकारियों को छुट्टी होगी और कई नये लोगों को जिम्मेवारी मिलेगी। निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाया जा रहा है। इसके साथ ही अनेक जिलों में भी अध्यक्ष बदले जाने हैं। कईयों का कार्यकाल पूरा हो चुका है और कई निष्क्रियता के कारण हटाए जायेंगे। कुछ जगह वैसे भी जुगाड़ू व्यवस्था चल रही है। संगठन स्तर पर व्यापक फेरबदल अब कांग्रेस में कभी भी हो सकता है। उप चुनाव के कारण ये बदलाव अभी तक अटका हुआ था।

कांग्रेस में प्रदेश कार्यकारिणी बहुत बड़ी है। बड़ी संख्या में प्रदेश सचिव बने हुए हैं और उसमें से अधिकतर निष्क्रिय है। इनके अलावा कुछ महासचिव भी निष्क्रियता की श्रेणी में आते हैं। इन सबको पदों से मुक्त किया जायेगा। प्रदेश के 50 से अधिक पदाधिकारियों को कांग्रेस हटाने की तैयारी कर रही है। जिनकी सूची पीसीसी ने आलाकमान को भेज दी है। वहां की स्वीकृति मिलते ही इन पदाधिकारियों की छुट्टी हो जायेगी।

इस सूची को पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने तैयार किया है और उस पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से चर्चा की गई है। दोनों की चर्चा के बाद हटाए जाने वाले पदाशिकारियों की सूची आलाकमान को सौंपी गई है। सूची तैयार करने के लिए विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव व उप चुनाव को आधार बनाया गया है। दो तरह की रिपोर्ट के आधार पर सूची बनी हुई है। चुनावों में लोकसभा व विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारियों की रिपोर्ट व उम्मीदवारों की रिपोर्ट को आधार बनाकर निष्क्रिय पदाधिकारियों की सूची बनाई गई है। इसके अलावा राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद से जन मुद्धों पर आंदोलन न कर निष्क्रिय रहने वाले पदाधिकारियों को भी इस सूची में रखा गया है।

इस तरह ये तय है कि राज्य में कांग्रेस संगठन का पूरा चेहरा ही बदल जायेगा। नई पदाधिकारियों की सूची पर उप चुनाव के परिणामों की छाया भी पूरी तरह से नजर आयेगी। कांग्रेस का प्रदर्शन उप चुनाव में कैसा रहेगा, इस पर भी कई वर्तमान पदाधिकारियों का भविष्य तय होगा। पीसीसी चीफ ने उप चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों से भी पूरा फीडबैक लिया है। संगठन में इस बार राहुल गांधी के निर्देशों के अनुसार युवाओं, महिलाओं, ओबीसी वर्ग, आदिवासी वर्ग के नेताओं को खास महत्त्व मिलने की संभावना है। इन निर्देशों के अनुसार ही नये पदाधिकारियों के नाम तय किये गए हैं।

नये पदाधिकारियों की सूची व हटने वालों के नामों से ही पता चलेगा कि कांग्रेस में अब किसके हाथ कमान रहेगी। किस नेता का वर्चस्व रहेगा। आलाकमान ये स्पष्ट संदेश देगा या गुटों के बीच तालमेल करेगा, इसका पता भी नई सूची से मिलेगा। प्रदेश में पदाधिकारी बनने की चाह रखने वालों ने, जिलों के अध्यक्ष बनने की चाह वाले नेताओं ने अपने अपने आकाओं को पकड़ना शुरू कर दिया है। कुछ अपने पद बचाने के लिए भी भागदौड़ में लगे हुए हैं।

कुल मिलाकर कांग्रेस संगठन की पूरी सूरत अब जल्दी ही राज्य में बदल जायेगी। इसकी स्क्रिप्ट पूरी तरह से फाइनल हो गई है, बस आलाकमान की हरी झंडी मिलने की प्रतीक्षा है। माना जा रहा है कि कांग्रेस में बड़े पैमाने पर नया नेतृत्त्व उभरेगा, जिसमें युवाओं व महिलाओं की अधिक भागीदारी होगी।



मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘ के बारे में 

मधु आचार्य ‘आशावादी‘ देश के नामचीन पत्रकार है लगभग 25 वर्ष तक दैनिक भास्कर में चीफ रिपोर्टर से लेकर कार्यकारी संपादक पदों पर रहे। इससे पहले राष्ट्रदूत में सेवाएं दीं। देश की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं में आचार्य के आलेख छपते रहे हैं। हिन्दी-राजस्थानी के लेखक जिनकी 108 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। साहित्य अकादमी, दिल्ली के राजस्थानी परामर्श मंडल संयोजक रहे आचार्य को  अकादमी के राजस्थानी भाषा में दिये जाने वाले सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जा चुका हैं। राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के सर्वोच्च सूर्यमल मीसण शिखर पुरस्कार सहित देशभर के कई प्रतिष्ठित सम्मान आचार्य को प्रदान किये गये हैं। Rudra News Express.in के लिए वे समसामयिक विषयों पर लगातार विचार रख रहे हैं।