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चर्चा में बताया कि GST मे कर निर्धारण के बाद अपील और पुनरीक्षण मे क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए

RNE, BIKANER .

आज स्थानीय ज़िला उद्योग संघ कार्यालय मे GST पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा का मुख्य विषय GST मे कर निर्धारण के पश्चात जो जो मांग निर्धारित की जाती है उसके संदर्भ मे विभाग द्वारा DRC-07 जारी किया जाता है उसका निस्तारण किस प्रकार किया जाए , उसके पुनरीक्षण और अपील की प्रक्रिया क्या होनी चाहिए। आदि रखा गया ।

उपरोक्त विषय पर संघ के वरिष्ठ सी ए विनोद दम्माणी और सी ए शिव खत्री ने विस्तार से व्याख्या की। दम्माणी ने सदस्यों को बताया कि अपील और पुनरीक्षण मे क्या क्या सावधानी बरती जानी चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष सी ए माणक कोचर ने की। कोचर ने विभाग द्वारा बरती जाने वाली अनियमितताओं के बारे मे बताया । संघ के सचिव एडवोकेट दीपक व्यास ने GST में धारा 73 और 74 के अधीन जो कर निर्धारण किया जाता है उसके संदर्भ मे विस्तार से व्याख्या की ।

व्यास ने बताया कि यह कर निर्धारण कब 73 के अधीन माना जाएगा और कब 74 के अधीन माना जाएगा। दोनो परिस्थितियों मे उनका निस्तारण किस प्रकार किया जाए, इस पर भी चर्चा की गई । उपरोक्त परिचर्चा में एडवोकेट संदीप राजपुरोहित ने बताया कि कैश लेज़र मे टैक्स जमा होने के बावजूद GSTR-3B भरते समय विभाग द्वारा ब्याज वसूल किया जाता है जो कि सर्वथा गलत है ।

परिचर्चा मे संघ के उपाध्यक्ष इमीचन्द पूनिया वाई पी मदान कोषाध्यक्ष मदन मोहन व्यास सहित अन्य गणमान्य सदस्य सुशील हर्ष , पवन मोदी , नरेंद्र अग्रवाल , कमल जोशी , राम नारायण सोनी आदि उपस्थित थे । अध्यक्ष सी ए माणक कोचर ने सभी सदस्यों का आभार जताया ।