10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में मनु भाकर ने ब्रॉन्ज मेडल जीता
- मनु ने रचा ओलंपिक इतिहास
- ओलंपिक मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला शूटर बनी
- मनु के ब्रॉन्ज मेडल पर निशाने के साथ भारत का 12 साल का अकाल खत्म
RNE Network.
शूटर मनु भाकर ने पेरिस ओलिंपिक 2024 में भारत को पहला मेडल दिला दिया। 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में मनु भाकर ने ब्रॉन्ज मेडल जीतते हुए इतिहास रच दिया। वह शूटिंग में ओलिंपिक मेडल जीतने वाली देश की पहली महिला एथलीट बन चुकीं हैं। 221.7 पॉइंट के साथ वह सिल्वर मेडल से बेहद करीबी अंतर से चूक गईं। गोल्ड और सिल्वर मेडल कोरियाई शूटर्स को मिला।
यह मनु का दूसरा ओलिंपिक है। तोक्यो ओलिंपिक में मनु भाकर मेडल की सबसे बड़ी उम्मीद थीं, लेकिन इवेंट के दौरान पिस्टल में आई खराबी के कारण उनका सफर क्वॉलिफिकेशन से आगे नहीं बढ़ पाया था। तोक्यो में लगभग पूरी भारतीय निशानेबाजी दल का प्रदर्शन निराशाजनक रहा लेकिन, आलोचना का सबसे ज्यादा शिकार तब महज 19 साल की रहीं मनु बनीं थीं। अब 22 की मनु ने देश का नाम रोशन किया है।
आज के मंत्री बीकानेर के राज्यवर्धनसिंह ने 2004 में जीता सिल्वर :
मनु भाकर ने भारत को ओलिंपिक में 12 साल बाद शूटिंग का मेडल दिलाया है। भारत को इस खेल में आखिरी ओलिंपिक मेडल 2012 में मिला था। यह शूटिंग में भारत का अब तक का 5वां मेडल है। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 2004 में सिल्वर, अभिनव बिंद्रा ने 2008 में गोल्ड और 2012 में विजय कुमार ने सिल्वर और गगन नारंग ने ब्रॉन्ज जीता था।
मां का समर्पण, गीता का ज्ञान :
पिछली निराशा से उबरने में मनु को दो बड़े सहारे मिले। पहला-माँ की मेहनत और समर्पण। मनु की माँ ने बेटी को निराशा से उबारने प्रिंसिपल की नौकरी छोड़ी। खुद साथ रहकर प्रैक्टिस कारवाई। दूसरा सहर मनु गीता को मानती है।
मनु भाकर कहती है- ‘मैं गीता बहुत पढ़ती हूं। इससे फोकस करने में मदद मिलती है। आज के मैच में मैंने आखिर तक टारगेट पर फोकस किया। मैं खुश हूं। भारत इससे ज्यादा डिजर्व करता है। उम्मीद है कि बाकी इवेंट में भारत और मेडल जीतेगा।’