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Rajasthan Education : शिक्षकों के तबादलों के लिए उड़ीसा की नीति तय, 5 साल में बदल जायेगा स्कूल

तीन सरकारें राज्य में आई और चली गई। सभी ने शिक्षकों के तबादलों के लिए नीति बनाने की बात की मगर अपनाया केवल राज्यादेश का तरीका। शिक्षक तबादले के नाम पर प्रताड़ित होता रहा। राजनेताओं के दरवाजे पर चक्कर लगाता रहा। शिक्षक को सजा देने का एक तरीका बन गया था तबादला। अनेक शिक्षकों ने इस सजा को भोगा भी है। शिक्षक संगठन मांग करते रहे कि तवादलों की नीति बना दें, मगर उनकी सुनवाई नहीं हुई।

ऐसा भी नहीं है कि शिक्षक तबादलों की नीति बनाने के कोई प्रयास नहीं हुवै। तीन बार प्रयास किये गए मगर एक भी प्रयास परिणाम तक नहीं पहुंच सका। 2007-08 में जब वसुधरा राजे की सरकार थी तब पहली बार तबादला नीति बनाने के लिए केबिनेट की एक समिति का गठन किया गया जिसके मुखिया गुलाब चंद कटारिया थे जो अभी असम के राज्यपाल है। उस कमेटी की 3 बैठकें हुई पर कोई नतीजा निकल ही नहीं पाया। न तो नीति बनी और न शिक्षकों को राज्यादेश से राहत मिली। उसके बाद जब राजे दूसरी बार सीएम बनी तब फिर प्रयास हुवै मगर सफलता नहीं मिली।

अब नये शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने तबादला नीति के लिए फिर प्रयास किये हैं। हरियाणा व ओडिसा की तरह राज्य में तबादला नीति बनाने का निर्णय किया गया है। हरियाणा में शिक्षक को 5 साल बाद दूसरे स्कूल में ट्रांसफर कर दिया जाता है। बिना किसी सिफारिश के ये प्रक्रिया पूरी होती है। ये संभव ही नहीं कि 5 साल से अधिक कोई शिक्षक एक स्कूल में रह जाये।

ओडिसा में यह अवधि 5 के बजाय 7 साल की है। वहां 7 साल बाद स्वतः ही शिक्षक का स्कूल बदल जाता है। अवधि पूरी होने पर यह प्रक्रिया ऑटो अपडेट जनरेट हो जाती है। अधिकारियों का काम है इसे पूरा करना। कोई भी देरी नहीं की जाती।

ऐसे होंगे तबादले, देखें लिंक :

प्राप्त जानकारी के अनुसार ओडिसा की तबादला नीति को राजस्थान में लागू किया जा रहा है। उसमें बस एक परिवर्तन है कि साल 7 के स्थान पर हरियाणा की तरह 5 किये गए हैं। राज्य के शिक्षा विभाग ने इस तबादला नीति का प्रारूप तैयार कर लिया है और इसे जुलाई या अगस्त में मंत्रिमण्डलीय उप समिति के सामने रख दिया जायेगा। इस नई नीति से शिक्षक तबादलों में पारदर्शिता आएगी और 95 फीसदी शिक्षक संतुष्ट होंगे, ऐसा विभाग का मानना है। यदि ये नीति बनकर लागू हो जाती है तो शिक्षक को तबादले से प्रताड़ना मिलनी बंद तो होगी।

-मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘