
इंसानियत में है भरोसा…. टॉपर नहीं लगाती नाम के आगे सरनेम, आइएससी की टॉपर सृजनी की सुंदर और व्यापक सोच, स्वागत योग्य
RNE Network.
जिस समय में हर कोई जाति, धर्म के नाम से आगे बढ़ने की कोशिश में लगा है। जहां राजनीति भी अपने निर्णय जाति, धर्म को केंद्र में रखकर लेने लगी है। जहां चुनावों में हरेक दल उम्मीदवार भी इसके आधार पर ही चुनने का काम करते हैं। उस हालत में यदि कोई इंसानियत को अपना धर्म मान आगे बढ़े तो उसे मुक्त कंठ से … शाबास .. तो कहना ही चाहिए।
आइएससी यानी 12 वीं बोर्ड परीक्षा में कोलकाता की सृजनी ने टॉप किया है। वही सृजनी अपनी साफगोई और बड़ी सोच के कारण चर्चा में है। ये होनहार सृजनी माता – पिता या अन्य कोई सरनेम नहीं लगाती। वह कहती है, जाति – धर्म की बजाय इंसानियत में विश्वास करती हूं।