Skip to main content

Shriganganagar : पोक्सो कोर्ट के न्यायाधीश सुरेन्द्र खरे ने सुनाया कड़ा फैसला

नाबालिग को भगा ले जाने, दुष्कर्म करने के दोषी को 20 साल कारावास

RNE Shriganganagar.

नाबालिग को बहला फुसलाकर भगा ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के दोषी को कोर्ट ने 20 साल कारावास और जुमाने से दण्डित किया है। यह निर्णय श्रीगंगानगर पोक्सो न्यायालय प्रथम के न्यायाधीश सुरेन्द्र खरे ने सुनाया।

मामला यह है :

पीड़िता के पिता ने सदर थाना में परिवाद पेश किया। इसमें बताया कि उसके पड़ौस में रहने वाला पिंकू नाबालिग को बहला -फुसला कर अपने साथ ले गया। इससे पूर्व भी एक बार इस तरह की हरकत कर चुका है। उसके बाद नाबालिग को बड़ी मुश्किल से उत्तरप्रदेश से बरामद किया। अब एक फिर वह नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। दोनों करीब एक माह से गायब है।

दोषी की मां पर भी आरोप : 

आरोप लगाया कि पिंकू कि मां को पूरे घटनाक्रम की जानकारी है परन्तु वह नाबालिग बारे कोई जानकारी नहीं दे रही। पिछले 3-4 दिन से उनके नम्बर पर एक युवती का फोन आ रहा है। वह कह रही है कि अगर वह घर लौटती है तो उसे यह लोग जान से मार देंगे। इसके बाद फोन कट हो रहा है।

मेडिकल में दुष्कर्म की पुष्टि : 

पुलिस ने परिवाद के आधार पर मुकद्दमा दर्ज कर जांच शुरू की। दौराने जांच पुलिस ने नाबालिग को दस्तयाब करने के साथ आरोपित पिंकू को गिरफ्तार किया। नाबालिग का मेडिकल करवाया गया। इसमें उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि होने पर प्रकरण में और धाराएं जोड़ते हुए आरोपित और उसकी मां के विरूद्ध सक्षम न्यायालय में चालान पेश किया।

..और यह आया फैसला : 

पोक्सो न्यायालय प्रथम के विशिष्ठ लोक अभियोजक गुरचरण सिंह रूपाणा ने बताया कि न्यायालय ने प्रकरण का निस्तारण करते हुए पिंकू को धारा 366-363 में 5-5 साल कारावास और 1-1 हजार रुपए जुर्माने और धारा 5(एल)/6 में 20 साल कठोर कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।

जुर्माना नहीं देने की स्थिति में अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं न्यायालय ने मुलजिम की मां को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। न्यायालय ने जुर्माना राशि जमा होने पर यह राशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दिलाने की अनुशंषा की है। सभी सजाएं साथ चलेगी।