BJP Rajasthan : 05 सीटों पर उपचुनाव से पहले भाजपा को मिल सकता है नया प्रदेशाध्यक्ष !
RNE Network.
राजस्थान भाजपा में जल्द बड़ा बदलाव होने जा रहा है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी की गृहमंत्री अमित शाह से लंबी मीटिंग हुई है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जोशी ने प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि जोशी की जगह जल्द ही नया प्रदेशाध्यक्ष बनाया जाएगा। संभावना यह कि राजस्थान में पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले नए अध्यक्ष की नियुक्ति हो जाएगी। यह अध्यक्ष ओबीसी या एससी वर्ग से हो सकता है। इस सूचना के बाद राजस्थान भाजपा में हलचल मच गई है। नया अध्यक्ष कौन होगा निगाहें इस पर टिकने लगी है।
इसलिए हटेंगे जोशी :
दरअसल राजस्थान में मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष दोनों ही पदों पर ब्राह्मण नेता बैठे हैं। बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव के बाद और लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भी जोशी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। उस वक्त पार्टी ने बदलाव करना उचित नहीं समझा। अब जातिगत समीकरण साधने के लिए बदलाव जरूरी माना जा रहा है।
कौन होगा नया प्रदेशाध्यक्ष :
हालांकि पार्टी के कई नेताओं को नए अध्यक्ष की दौड़ में देखा जा रहा है लेकिन अभी किसी को भी संकेत नहीं किया गया है। अध्यक्ष पद के नामों का अनुमान लगाने से पहले पार्टी के लिए जरूरी समीकरणों का जिक्र करें तो यह स्पष्ट है कि ब्राह्मण सीएम और और राजपूत डिप्टी सीएम होने के बाद अब इन दो जातियों में से किसी को प्रदेशाध्यक्ष बनाने की संभावना कम है। जिन पांच सीटों पर चुनाव होने हैं उन्हें देखते हुए ओबीसी या एससी के अध्यक्ष की गुंजाइश हैं। इसी लिहाज से राजेंद्र गहलोत, प्रभुलाल सैनी जितेंद्र गोठवाल जैसे नाम उछल रहे हैं। पार्टी को लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा नुकसान जाट वोटों से दूरी का भी हुआ है। ऐसे में कोई जाट चेहरा भी सामने आ सकता हैं।
जोशी को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी :
प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर जोशी की कार्यशैली और विधानसभा चुनाव में मिली जीत की उपलब्धि को पार्टी नजरंदाज नहीं कर सकती। लोकसभा चुनाव में राजस्थान की कमजोर परफोर्मेंस के लिए भी पूरी तरह जोशी को जिम्मेदार नहीं मान सकती। उनकी खुद की लगातार जीत को भी जमीन पर कम और लोकप्रियता से जोड़ा जा रहा है। ऐसे में जोशी को केन्द्रीय संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावना ज्यादा है। हालांकि मंत्रिमंडल मंडल विस्तार में जगह मिलने के भी कयास है लेकिन इसकी संभावना इसलिए कम है क्योंकि राजस्थान के 11 सांसदों में से 04 को मंत्रिमंडल में जगह दी जा चुकी है।